Ayodhya : राम मंदिर की हजार वर्ष की आयु कोरी कल्पना : चम्पत राय
– कंपनियों ने गारंटी लेने से किया इनकार तो Ram Mandir Trust महासचिव ने बदला बयान- 300-400 वर्ष की गारंटी पर्याप्त : Champat Rai- देशभर के विशेषज्ञ नहीं दे पा रहे Ram Mandir के हजार वर्ष की गारंटी
राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को कारसेवकपुरम में संतों की एक बैठक हुई थी
पत्रिका न्यूज नेटवर्क अयोध्या. देश भर के विशेषज्ञों ने राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए हजार वर्ष की लिखित गारंटी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shriram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के महासचिव चम्पत राय भी यू-टर्न मार गये हैं। अभी तक राम मंदिर को एक हजार वर्षों तक अक्षुण्य रहने की बात करने वाले चंपत राय (Champat Rai) ने कहा कि राम मंदिर के हजार साल की गारंटी कोई नहीं दे सकता। मंदिर के हजार साल की आयु को कोरी कल्पना ही कहा जा सकता है। 300-400 वर्ष की गारंटी भी मिल जाए तो हम निर्माण के लिए सहमत हैं। राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) व टाटा कंसल्टेंसी को सौंपी गई है।
राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को कारसेवकपुरम में संतों की एक बैठक हुई। बैठक में मंदिर निर्माण के प्रगति की जानकारी देते हुए चम्पत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई टेस्ट पाइलिंग पहले ही फेल हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मंदिर के लिए 1200 पिलर बनाए जाने का ड्राइंग तैयार किया गया था, 125 फुट गहराई तक टेस्ट पिलर्स बनाए गये थे। 28 दिन बाद 700 टन का वजन बढ़ाकर भूकंप जैसे झटके दिए गए, लेकिन पिलर की रिपोर्ट सही नहीं आई। टेस्ट पिलर्स में दरारें आ गईं और वह लचक गये। इसको देखते हुए कोई भी कंपनी हजार साल तक अक्षुण्य रहने वाले मंदिर की गारंटी देने को तैयार नहीं है।
अब ट्रस्ट नए सिरे से तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मंथन कर रहा है। ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि मंदिर की आयु बढ़ाने के लिए सीमेंट में अभ्रक, कोयले के साथ कुछ अन्य केमिकल मिलाने पर विचार चल रहा है।
कारसेवकपुरम में हुई बैठक में तय किया गया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव का काम जनवरी से शुरू जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि मंदिर की पश्चिम दिशा में बह रहे सरयू नदी के जल प्रवाह से मंदिर को नुकसान न पहुंचा पाये इसके लिए जमीन के नीचे एक रिटेनिंग वाल जाएगी जो पानी के प्रवाह को रोकने का कार्य करेगी। चम्पत राय ने बताया कि कहा कि जनवरी में नींव का काम शुरू जाएगा, विभिन्न इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ इसकी तैयारी में जुटे हैं।
32 सीढ़ियां चढ़कर होंगे रामलला के दर्शन भूतल से राम मंदिर के फर्श की ऊंचाई 16.5 फीट होगी। श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन करने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़ना होगा। इस कार्य के लिए 16 हजार घनफुट पत्थर लगेंगे। इसके लिए साढ़े 16 फुट ऊंचा पत्थर का प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यह दो फुट लंबा, दो फुट चौड़ा, और दो फुट ऊंचा होगा।
सभी के सहयोग से होगा मंदिर का निर्माण संतों को जानकारी देते हुए चम्पत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए धन की कमी नहीं है। उद्योगपतियों के अलावा बड़ी-बड़ी कंपनियां और विदेशी संस्थाएं सहयोग को तैयार हैं, लेकिन ट्रस्ट ने तय किया है कि मंदिर का निर्माण समाज के सहयोग से ही होगा। इसके लिए देश की कुल आबादी में आधी आबादी से संपर्क कर ऐच्छिक सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान का घर तोड़ा गया था वह अब फिर से बन रहा है, समाज स्वेच्छा से समर्पण करें। इसके लिए संतों से भी अपेक्षा है कि निधि समर्पण अभियान में सभी कार्यकर्ताओं की टोलियों संग संपर्क करें।