scriptअयोध्या: राम मंदिर की इन अनोखी मूर्तियों में दिखेगी पूरी रामायण की झलक, और भी कई हैं खासियत | Entire Ramayana will be seen in idols of Ram Katha Kunj in Ayodhya | Patrika News
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अयोध्या: राम मंदिर की इन अनोखी मूर्तियों में दिखेगी पूरी रामायण की झलक, और भी कई हैं खासियत

Ram Katha Kunj: राम कथा कुंज की इन मूर्तियों के माध्यम से भगवान राम के जन्म, उनके विवाह और निर्वासन से लेकर सरयू नदी में जल समाधि लेने तक महाकाव्य के लगभग 80 एपिसोड को 125 विशेष रूप से डिजाइन की गई मूर्तियों में पिरोया जाएगा।

अयोध्याJun 08, 2022 / 11:50 am

Jyoti Singh

अयोध्या: राम मंदिर की इन अनोखी मूर्तियों में दिखेगी पूरी रामायण की झलक, और भी कई हैं खासियत
राम जन्मभूमि परिसर में प्रस्तावित राम कथा कुंज में अनोखी मूर्तियां लगाई जा रही हैं। जिसके बाद यहां दर्शन करने आए भक्तों को इन 125 मूर्तियों में पूरी रामायण की झलक दिखेगी। दरअसल मूर्तियों के माध्यम से महाकाव्य रामायण के विभिन्न एपिसोड बनाए जाएंगे। इसके लिए ट्रस्ट ने राम कथा कुंज परियोजना में तेजी लाने का फैसला किया है। जिससे राम मंदिर दिसंबर 2023 तक भक्तों के लिए खोले जाने पर रामायण के लगभग 80 एपिसोड को चित्रित करने वाली मूर्तियों का अनूठा प्रदर्शन हो सके। अब तक रामायण के 40 एपिसोड से जुड़ी मूर्तियां बनाई जा चुकी हैं और 19 और एपिसोड पर काम चल रहा है।
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महाकाव्य के 80 एपिसोड दिखेंगे मूर्तियों में

बता दें कि इन मूर्तियों के माध्यम से भगवान राम के जन्म, उनके विवाह और निर्वासन से लेकर सरयू नदी में जल समाधि लेने तक महाकाव्य के लगभग 80 एपिसोड को 125 विशेष रूप से डिजाइन की गई मूर्तियों में पिरोया जाएगा। इन प्रत्येक मूर्तियों की माप लगभग तीन से चार फीट की होगी। जिन्हें बनाने के लिए सीमेंट, लोहे की छड़ और स्टील की जाली का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं रामायण के एक एपिसोड की मूर्तियों को तैयार करने में करीब तीन महीने का समय लगता है। इन मूर्तियों को रंग कर अलग-अलग कांच के बक्सों में रखा जाएगा। रात के समय राम कथा कुंज को रोशनी से जगमगाते हुए पूरे परिसर को भव्य रूप दिया जाएगा।
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कोर्ट के फैसले के बाद परियोजना में आई तेजी

बता दें कि राम मंदिर में लगने वाली इन प्रतिमाओं का निर्माण साल 2013 से किया जा रहा है। हालांकि, परियोजना धीमी गति से आगे बढ़ रही थी। ट्रस्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 को अए राम मंदिर के फैसले के बाद इसे तेज करने का फैसला किया गया था। इस परियोजना के पीछे विहिप नेता दिवंगत अशोक सिंघल थे। ट्रस्ट के एक सदस्य के मुताबिक, सिंघल को गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी एक मूर्ति दी गई, जिससे उन्होंने इस परियोजना की परिकल्पना की थी।

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