मस्जिद की नींव मक्का से आई पवित्र काली ईंट से रखी जाएगी। यह निर्माण में इस्तेमाल होने वाली पहली ईंट होगी। 12 अक्टूबर, 2023 को ऑल इंडिया राब्ता-ए-मस्जिद के कार्यक्रम में इस पवित्र काली ईंट का अनावरण किया गया था। इसके बाद मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्ला डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन अरफात शेख इसे मक्का लेकर गए थे। मक्का में ईंट को पवित्र जल आबे जम-जम से गुल्स कराया गया, फिर ईंट को मदीना लेकर गए और इत्र से भी गुस्ल कराया। इसके बाद पवित्र ईंट को भारत वापस लाया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अरफात शेख ने बताया कि यह भारत की पहली ऐसी मस्जिद होगी, जिसमें इस्लाम के पांच स्तंभ की पांच मीनार होंगी। इस्लाम के पांच स्तंभ बताए गए हैं, ये तौहीद नमाज, रोजा, जकात और हज हैं।
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की कुरान दुनिया की सबसे बड़ी कुरान होगी, जो 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी होगी। खास बात यह है कि इसका रंग केसरिया होगा। मुसलमान केसिरया को सूफी संत चिश्ती का रंग मानते हैं। इसके अलावा, मस्जिद में 5 हजार पुरुषों और 4 हजार महिलाओं समेत 9 हजार लोग एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे।
मस्जिद परिसर में 500 बेड वाला कैंसर अस्पताल, स्कूल और लॉ कॉलेज, संग्राहलय और पुस्तकालय होगा। साथ ही पूरी तरह से शाकाहारी एक रसोई घर भी होग, जहां जरूरतमंदों और आने वालों को खाना दिया जाएगा। अरफात शेख ने बताया कि मस्जिद में पहली इबादत मक्का के इमाम या इमाम-ए-हरम अब्दुल रहमान अल सुदैस की तरफ से की जाएगी। उनके साथ अरब देशों के बड़े नामी मुस्लिम हस्तियों को भी न्योता भेजा जाएगा।