भारत के सबसे बड़े कमर्शियल वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने महाराष्ट्र सरकार के साथ उद्योग, ऊर्जा और श्रम विभाग के माध्यम से Registered Vehicle Scrapping Facility की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (mou) पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें, इस स्क्रैपेज सेंटर में 35,000 पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों को रीसाइक्लिंग करने की क्षमता होगी। टाटा मोटर्स पार्टनर के साथ मिलकर स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करेगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है, कि टाटा मोटर्स ने पहले ही अहमदाबाद में एक रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, और कंपनी वाहन स्क्रैपेज नीति का समर्थन करने के लिए अन्य सरकारी निकायों के साथ भी काम कर रही है।
ये भी पढ़ें : लॉन्च हुआ इलेक्ट्रिक स्कूटर 80Km की मिलेगी राइडिंग रेंज
सबसे पहला स्क्रैपिंग सेंटर Cero Recycling
वहीं केंद्र सरकार 2022 से 15 साल से अधिक पुराने सभी वाहनों को स्क्रैप करेगी। हाल ही में 23 नवंबर मारुति सुजुकी व टोयोत्सु ने नोएडा उत्तर प्रदेश में वाहन स्क्रैपेज और रीसाइक्लिंग कार्यों की शुरुआत की। जिसकी एक महीने में 2,000 यूनिट या सालाना 24,000 यूनिट की स्क्रैपिंग क्षमता है। जानकारी के लिए बता दें, महिंद्रा समूह ने कुछ सालों पहले सीरो रीसाइक्लिंग प्लांट को शुरू किया था। जो भारत का पहला स्क्रैपेज सेंटर था।
ये भी पढ़ें : Mahindra Bolero फेसलिफ्ट भारत में अगले महीने होगी लॉन्च
रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के लाभ रिपोर्ट के मुताबिक अगले पांच वर्षों में देश भर में लगभग 50-70 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं (आरवीएसएफ) स्थापित की जाएंगी ताकि सुरक्षित तरीके से ऐसे वाहनों को स्क्रैप किया जा सके। जो सड़कों पर चलने योग्य नहीं है।