मायावती ने मुलायम पर लगाए उन्हें फंसाने का आरोप, अखिलेश को कह दिया यह, बैठक में हुई बातें आईं सामने
इसलिए नहीं दे रहे अखिलेश जवाब-मायावती द्वारा बैठक में अखिलेश पर कई आरोप लगाए गए। चुनाव के बाद फोन न करने, सतीश चंद्र मिश्रा के जरिए मुस्लिमों को टिकट न देने का आग्रह व सपा सरकार में दलितों का उत्पीड़न जैसे आरोप उनमें मुख्य है। बावजूद इसके अखिलेश ने अभी तक बसपा सुप्रीमो को कोई जवाब नहीं दिया। क्या उनको अब भी उम्मीद है कि मायावती यू-टर्न लेकर उनके साथ आएंगी? राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अखिलेश की चुप्पी के पीछे कई वजह हैं। वह राजनीतिक सदमे में है। उन्हें उम्मीद है कोई बीच का रास्ता निकल सकता है। हालांकि एक विश्लेषक का यह भी मानना है कि अखिलेश या सपा की ओर से यदि मायावती को अभी कोई जवाब दिया गया तो वह चारों तरफ से अखिलेश को घेर सकती हैं। पिता व चाचा का उदाहरण देकर मायातवी उनपर आक्रामक हो सकती हैं। वर्तमान में देखा जाए तो बसपा का पलड़ा भारी है। इसीलिए वह शांत हैं। इस दौरान अखिलेश की कोशिश होगी कि वे संगठन को आंतरिक रूप से मजबूत करें। और उपचुनाव में अकेले चुनाव लड़ने को लेकर ठोक रणनीति बनाएं।
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“मायावती ने गेस्टहाउस कांड का बदला ले लिया”-प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रवक्ता डॉ़ सी.पी. राय ने एक बयान में अखिलेश की इस चुप्पी पर कहा कि सपा अभी से नहीं बल्कि पिछले ढाई-तीन साल से खमोश है। उसे जितना बोलना था, मुलायम और शिवपाल के खिलाफ बोल दिया है। उन्होंने आगे कहा कि बसपा सुप्रीमो ने 1995 के गेस्टहाउस कांड का बदला ले लिया है। उन्होंने सपा में सब को झुका दिया। सबसे अपने पैर छुआ लिए। उन्होंने अपना काम कर लिया। वहीं सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने अखिलेश का पक्ष रखते हुए कहा कि जनता सच्चाई जानती है। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चरित्र ऐसा नहीं कि वो किसी को धोखा दें। उन्होंने कभी किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की।