शनि देव आगामी 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में ही रहेंगे। इसके बाद वे 23 फरवरी 2028 तक मीन राशि में रहते हुए एक बार फिर वक्री और मार्गी होंगे। देश-दुनिया पर भी शनि के मार्गी होने का विशेष प्रभाव पड़ेगा।
शनि का प्रभाव (Shani Ka Prabhav)
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाने जाते हैं। शनिदेव तुला राशि में उच्च के और मेष राशि में नीच के ग्रह माने जाते हैं। बुध और शुक्र ग्रह के साथ इनकी मित्रता है जबकि सूर्य, चंद्रमा और मंगल ग्रह इनके शत्रु माने जाते हैं। शनिदेव पुष्य, अनुराधा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं। शनि एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए लगभग ढाई वर्षों का समय लगाते हैं। कुंभ शनि के स्वामित्व और मूल त्रिकोण की राशि है।
अब शनि मार्गी होंगे यानी सीधी चाल चलेंगे। शनि के सीधी चाल से अधिकांश राशियों के लोगों के रूके हुए काम पूरे होने लगते हैं। इससे पहले कुंभ राशि में शनि देव का प्रवेश करीब 30 साल बाद गत 17 जनवरी 2023 को हुआ था।
अभी मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती और कर्क, वृश्चिक राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या चल रही है। जिसके चलते अब 15 नवंबर से शनिदेव के सीधी चाल चलने के बाद मकर, कुंभ व मीन राशि के लोगों को शनि की साढ़े साती एवं कर्क व वृश्चिक राशि के लोगों को शनि की ढैय्या से भी बड़ी राहत मिलेगी।
इन दशाओं में सबसे अधिक प्रभाव
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार शनिदेव अपनी साढ़ेसाती, ढैय्या और अपनी महादशा और अंर्तदशा में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। शनि मार्गी अवधि में भवन निर्माण, कृषि कार्य, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक, क्रशर ,मार्बल, लकड़ी ,गैस ठेकेदारी, बिल्डिंग मैटेरियल से जुड़े क्षेत्रों से जुड़े लोगों को शुभ लाभ होने वाला रहेगा।
इसके साथ ही जिन जातकों को नई नौकरी की तलाश थी। उनको नई नौकरी की मिलने की संभावनाएं बनेंगी। साथ ही धर्म क्षेत्र का अस्तित्व पूरे विश्व में बढ़ेगा। बीमारियों के इलाज में भी नए-नए आविष्कार होंगे। नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित होगी।
पेट से ,हृदय से, तथा कैंसर से जूझ रहे जातकों को राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। दुर्घटनाएं अप्रिय घटनाएं हिंसा, प्राकृतिक आपदा होने की आशंका। फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार। वायुयान दुर्घटना होने की संभावना।
पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा। आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है।
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शनि शांति के उपाय
Shani Shanti Upay: भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार शनि मार्गी अवधि में उथल पुथल से बचने के लिए ये उपाय करें।
1.शिव उपासना और हनुमत उपासना करें, मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करें। 2. शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान अवश्य करें, गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं।
3. पशु पक्षियों के लिए दाने, हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें। 4. शनिवार को तेल का दान भी करना चाहिए। मान्यता है कि तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है। शनिवार को लोहे से बनी चीजों को भी दान करना चाहिए। इस दिन लोहे का सामान दान करने से शनि देव शांत होते हैं। लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है।
5. रुद्राक्ष की माला लेकर एक सौ आठ बार ॐ शं शनैश्चराय नमः का जप करें, शनिदेव की कृपा बनेगी और कष्ट दूर होंगे। 6. काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं।
7. सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। 8. किसी असहाय को परेशान न करें, मांस, मदिरा का सेवन बिल्कुल नही करें। कमजोर व्यक्तियों का अपमान न करें। अनैतिक कार्यों से दूर रहें।