महिलाओं के अधिकारों को बताया महत्वपूर्ण
यूनाइटेड नेशंस के अफगानिस्तान में मौजूद ऑफिस की तरफ से इस बारे में बयान जारी किया गया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के अधिकार दुनियाभर में ही महत्वपूर्ण होते हैं। और यह बात तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में भी लागू होती है। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा से ही देश में स्थायी शांति बनाई जा सकती है। ऐसे में यूनाइटेड नेशंस ने तालिबान को इस काम के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है।
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तालिबान के सत्ता में आते ही महिलाओं के अधिकार छिने
तालिबानी शासन में महिलाओं की दुर्दशा पिछले साल 15 अगस्त को लंबे समय के बाद आतंकी संगठन तालिबान एक बार फिर से सत्ता में आ गया। इसका सबसे बुरा असर महिलाओं पर ही पड़ा। तालिबान के शासन में महिलाओं के सारे अधिकार छीन लिए गए। महिलाओं के पढ़ने, नौकरी करने और बिना वजह घर से बाहर निकलने तक पर पाबंदी लग गई। महिला हिंसा के मामले भी बढ़ गए। लोगों को जबरन अपनी छोटी बच्चियों की शादी बड़ी उम्र के लोगों से करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अफगान महिलाओं ने उठाई आवाज़
अपने अधिकारों के हनन के खिलाफ अफगान महिलाओं ने समय-समय पर आवाज़ भी उठाई है। देश की राजधानी काबुल में भी कल यानि की 24 नवंबर को ही महिलाओं ने एक विरोध प्रदर्शन भी किया। हालांकि तालिबान के शासन में हर बार महिलाओं की आवाज़ को दबा दिया गया है।
ऐसे में यह देखना होगा कि क्या यूएन के कहने से तालिबान द्वारा अफगान महिलाओं के खिलाफ किए जा रहे अत्याचार बंद किए हेंगे या नहीं।