संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्ष सिर्फ तीन माह में हुए सौ से ज्यादा आतंकी हमलों को लेकर जिम्मेदार आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कई छोटे आतंकवादी समूहों को अफगानिस्तान में दोबारा से एकजुट करा है। इससे अफगानिस्तान और क्षेत्र में खतरा बढ़ने की आशंका बनी हुई है। सभी छोटे आतंकवादी समूहों को अलकायदा संचालित करता था।
किसान आंदोलन: ‘साइबर अटैक’ को लेकर अलर्ट एजेंसियां, पाकिस्तान रच सकता है साजिश “एनालिटिकल सपोर्ट एंड सेंक्शंस टीम” की 27वीं रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी ने अफनानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को दोबारा से एक करने का काम किया है। इसका संचालन अलकायदा कर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार इससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र में खतरा बढ़ने का अंदेशा है।
जुलाई और अगस्त में पांच समूहों ने टीटीपी के लिए निष्ठा बनाए रखने प्रण लिया था। इसमें शेहरयार महसूद समूह, जमात-उल-अहरार, हिज्ब-उल-अहरार, अमजद फरूकी समूह और उस्मान सैफुल्लाह समूह (इसे पहले लश्कर-ए-झांगवी के रूप में जाना जाता था) शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी की ताकत बढ़ी है और इस कारण क्षेत्र में लगातार हमले बढ़ रहे हैं। एक आकलन के अनुसार, टीटीपी में लड़ाकों की संख्या 2,500 से 6 हजार है। रिपोर्ट में बताया गया है कि टीटीपी ‘जुलाई और अक्टूबर 2020 के बीच सीमा पार के देशों में 100 से अधिक हमलों को लेकर जिम्मेदार है।
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