लाहौर एयरपोर्ट पर कराई गई थी इमरजेंसी लैंडिंग
दरअसल तुर्की एयरलाइंस की एक फ्लाइट में एक भारतीय यात्री की अचानक तबीयत खराब हो गई। इसके बाद फ्लाइट की लाहौर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। लेकिन वहां के अस्पताल में भर्ती कराने और उसका इलाज करने से बिल्कुल मना कर दिया। इस कारण उसे आनन-फानन में उसे दिल्ली लाना पड़ा, जिसमें करीब सात घंटे लगे तब जाकर युवक को इलाज मिल पाया।
सह यात्री ने इसके बारे में पीएम मोदी से की शिकायत
इस घटना से गुस्साए एक सह यात्री ने इस मामले के बारे में शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री से ट्वीट करके की शिकायत है। फ्लाइट में बीमार हुआ विपिन नाम का ये व्यक्ति गुरुग्राम का रहने वाला है। जो वहां एक बीमा कंपनी में सेल्स मैनेजर है। वो अपनी कंपनी की ओर से 70-80 कर्मचारियों के साथ तीन दिन के लिए तुर्की पर्यटन टूर पर जा रहा था।
फ्लाइट में हुआ था बेहोश
सहयात्री से इस मामले में मिल रही जानकारी के मुताबिक उनके दल के सभी लोग 12 अगस्त को इस्तांबुल से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। फ्लाइट में वाइन पीने के कुछ देर बाद उसे उलटी हुई और वो बेहोश होकर गिर पड़ा। जिसके बाद क्रू मेंबरों से मदद मांगी गई और फ्लाइट में मौजूद एक भारतीय डॉक्टर ने उसको प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद ने पॉयलट ने भी फुर्ती दिखाते हुए देर रात 01:30 बजे लाहौर एयरपोर्ट पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई। मौके पर पहुंचे पाकिस्तानी डॉक्टर ने गंभीर हालत देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी।
पाक अफसरों ने इलाज देने से किया मना
पायलट ने पाकिस्तान के संबंधित अफसरों से इस प्रक्रिया के विषय में बातचीत की, लेकिन डॉक्टरों ने विपिन की गंभीर हालत को नजरअंदाज कर उसे अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसमें तीन घंटे से अधिक खराब हो गए। इसके बाद पायलट को ऐलान करना पड़ा कि भारत से खराब रिश्तों के कारण पाकिस्तान की सरकार और इमीग्रेशन विभाग ने मरीज को इलाज मुहैया कराने से मना कर दिया।