तालिबान के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से हुई मुलाकात
गुरुवार को तालिबान के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने कुरैशी से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने तालिबान को नसीहत दी है कि युद्ध कोई समाधान नहीं है। बताया जा रहा है कि यह बैठक तालीबान को अफगान शांति प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के लिए समझाने के लिए शुरू की गई है।
अफगान शांति वार्ता पर जोर
कुरैशी ने बैठक के दौरान तालिबान की शांति प्रक्रिया में गंभीर प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही इन प्रयासों को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की जरूरत को भी उजागक किया। कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अभी एक अभूतपूर्व अवसर है, जिसे गंवाया नहीं जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में मौजूदा, व्यापक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहमति शामिल है, इस मौके का फायदा उठाने में ही समझदारी है।
गौरतलब है कि, पाकिस्तान इस वक्त आतंकवाद को लेकर दुनियाभर के सामने घिरा हुआ है। उसकी पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह वो अपनी छवि साफ कर सकेे।
अमरीका ने किया था वार्ता रद्द करने का ऐलान
गुरुवार को अफगान NSA ने भी पाकिस्तान तो लताड़ लगाते हुए कहा कि तालिबान पाक की सुरक्षा एजेंसी का ही मुखौटा है। वहीं, कुछ समय पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति वार्ता को रद्द कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल में हुए एक हमले के बाद ये फैसला लिया था, जिसमें एक अमरीकी सैनिक की मौत हो गई थी। अब कुरैशी जोर लगा रहे हैं कि ये वार्ता किसी भी तरह दोबारा शुरु हो जाए।
अफगानिस्तान के साथ है पाकिस्तान: कुरैशी
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में स्थायी शांति हासिल करने के लिए हर कदम पर समर्थन देगा। ये कदम पाकिस्तान के अपने सामाजिक-आर्थिक विकास एवं प्रगति के लिए भी जरूरी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तालिबान के साथ कुरैशी की वार्ता डेढ़ घंटे से ज्यादा चली।