आसमानी शोलों की तरह बरस रहे थे गोले
रविवार को भारतीय सेना ने आर्टिलरी गन से PoK के नीलम वैली पर निशाने दागे थे। इस कार्रवाई के बारे में वहां के निवासियों ने बात करते हुए अपना डर जाहिर किया। कई स्थानीय निवासियों ने बताया कि, ‘जिस तरह से हमले हो रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे भारतीय सैनिक यहां मौजूद सबकुछ तबाह कर। कुछ का कहना है कि आतंकियों के लॉन्च पैडों पर सेना आसमानी शोलों की तरह गोले बरसा रही थी। हालांकि, बता दें कि भारतीय सेना ने आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया।
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खास तरह के गोलों का हुआ इस्तेमाल
सेना की कार्रवाई का कई स्थानियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी अपलोड किया। निवासियों का कहना था कि भारतीय सेना खास तरह के गोला बारूद का इस्तेमाल कर रही थी। आपको बता दें कि इसे ‘ट्रेसर एम्युनिशन’ कहते हैं। ये बारूद के जरिए धमाका करती है और रात के वक्त तो काफी तेज आवाज और चमक के साथ अपने टार्गेट को हिट करती है।
नीलम घाटी का जूरा सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित
पीओके के एक आपदा प्रबंधन अधिकारी अख्तर अयूब ने बताया कि भारतीय सेना की कार्रवाई से सबसे ज्यादा नीलम घाटी का जूरा सेक्टर प्रभावित हुआ। यहां मौजूद लगभग सभी आतंकी लॉन्च पैड तबाह हो चुके हैं। इसके साथ ही अथमुकम के एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस भारतीय गोले से पाक सेना के स्वास्थ्य संस्थान को भी काफी नुकसान पहुंचा है। अधिकारी ने दावा किया कि कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचा है।