“एक इंच ज़मीन भी नहीं लेने देंगे”
चीन कई मौकों पर ताइवान की आज़ादी और स्वतंत्र अस्तित्व को बेबुनियाद बता चुका है। चीन की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया है कि ताइवान की आज़ादी की बात करने वालों का बुरा हाल होगा। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि चीन आने वाले समय में ताइवान पर हमला कर सकता है। लेकिन इस खतरे के बीच ताइवान के राष्ट्रपति राष्ट्रपति लाई चिंग-ते, जो पूरी तरह से चीन के विरोधी हैं, भी डरने वाले नहीं है। लाई चिंग-ते ने इस बारे में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह “चीन को ताइवान की एक इंच ज़मीन भी नहीं लेने देंगे।”
क्या है चीन और ताइवान के बीच विवाद की वजह?
दरअसल चीन और ताइवान 1949 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। तभी से ताइवान अपना स्वतंत्र अस्तित्व मानता है और खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। दूसरे कई देश भी ताइवान को एक स्वतंत्र देश मानते हैं। वहीं चीन इसका विरोध करता है और ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। दोनों देशों के बीच विवाद की यही वजह है।