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Ladakh सीमा पर तनाव बरकरार, भारत ने सभी सैन्य ठिकानों पर हथियार और सेना के जवान बढ़ाए

Highlights

चीन (China)  ने 4 हजार किलोमीटर लंबे एलएसी (LAC)  पर लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक कई सैन्य ठिकाने स्थिपित कर लिए हैं।
चीन की चालबाजी से निपटने के लिए भारत ने इन इलाकों में अपने जवानों को तैनात कर दिया है।

Jun 12, 2020 / 11:36 am

Mohit Saxena

china border

भातर ने सीमा पर जवानों की तदात को बढ़ाया।

बीजिंग। भारत (India) और चीन (China) के बीच तनाव को कम करने के लिए बताचीत के प्रयास जारी है। मगर इस दौरान सीमा पर देश की सेना चौकन्नी है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध (India-China Border Dispute) का शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों देश राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। इस बीच सीमा के उस तरफ चीन ने 4 हजार किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक कई सैन्य ठिकाने स्थिपित कर लिए हैं। ऐसे में भारत सतर्कता बरत रहा है। उसकी चालबाजी से निपटने के लिए भारत ने तुरंत इन इलाकों में अपने जवानों को तैनात कर दिया है।
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बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार सहमति के आधार पर भारत के साथ सीमा पर तनाव घटाने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोनों पक्ष गतिरोध का शीघ्र समाधान करने के लिए जुटे हैं। इस दौरान दोनों देशों की तरफ से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को दूर करने के लिए कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों सेनाओं की तरफ से डिप्लोमैटिक चैनल का उपयोग किया जा रहा है।
चीन-भारत दोनों ही बढ़ा रहे सैनिक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अरुणाचल, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाएं जहां भी एलएसी को छू रहीं हैं। हर जगह पर चीनी सैनिकों ने अपने ठिकाने बना लिए हैं। इसे लेकर भारत काफी सतर्क है। चीन ने यहां पर अतिरिक्त सेना के जवान और हथियारों को एकत्र कर रखा है। इधर भारत ने लद्दाख के कारू में तैनात जवानों को बैकअप देने के लिए हिमाचल की रिजर्व ब्रिगेड को इस इलाके में भेज दिया है। साथ ही उत्तराखंड में हरसिल-बाराहोती-नेलांग घाटी के सेक्टर में कई टुकड़ियों को तैनात किया है। सीमा पर होवित्सर तोपों को तैनात किया गया है। इसके साथ सभी ठिकानों पर हथियारों की खेप भेजी जा रही है।
चीन के नरम रुख के पीछे हकीकत

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग के अनुसार वे सिर्फ इस बात की पुष्टि कर सकती हैं कि चीन-भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से में स्थिति का उचित तरीके से समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल, दोनों पक्ष सीमा पर मौजूद स्थिति में सुधार लाने पर सहमति बनी है। लेकिन जमीनी स्तर पर तनाव घटाने के लिए दोनों देशों द्वारा किये जा रहे कार्यों के ब्योरे के बारे में पूछने पर वह आनाकानी करने लगीं। बीजिंग में एक प्रेस वार्ता में कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति के बारे में उनके पास और अधिक ब्योरा नहीं है।
सड़क निर्माण पर बना हुआ है गतिरोध

पैगोंग सो क्षेत्र में हिंसक झड़प होने के बाद भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 5 मई से गतिरोध चल रहा है। इस गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक अहम सड़क का निर्माण किये जाने के खिलाफ चीन ने कड़ा ऐतराज जताया था। इसके साथ गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर भी चीन के विरोध जताया था।

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