पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके जल्द ही औपचारिक रूप से पाकिस्तान का हिस्सा बन जाएगा। पाकिस्तान सरकार अब विवादित गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि इस दिशा में इमरान सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी बना दी थी, जिसको इस संभावना के बारे में विचार करना था।हालांकि यह इलाका पाकिस्तान के कब्जे में है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत यह एक विवादित क्षेत्र है। भारत, गिलगित-बाल्टिस्तान सहित समूचे जम्मू कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को मंजूरी दे दी तो इसके साथ ही इन इलाकों के नागरिक औपचारिक रूप से पाकिस्तान का हिस्सा बन जाएंगे और उन्हें अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिलेगा।
भारत से बार-बार पटखनी मिलने के बाद भी पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले पाकिस्तान सरकार ने गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र को औपचारिक रूप से पाकिस्तान में शामिल किए जाने की संभावनाओं की समीक्षा के लिए गुरुवार को एक समिति का गठन किया था। समिति को इस बात पर विचार करना था कि वर्तमान हालात में गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का सूबा घोषित करने की कितनी संभावनाएं हैं। असल में पाकिस्तान की योजना गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को 5वें प्रांत के रूप में घोषित करने की योजना लम्बे समय से थी। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की सात न्यायाधीशों की पीठ के 11 अक्टूबर को पाक सरकार से कहा था कि वो इस बात का पता लगाएं कि गिलगित को पाकिस्तान का हिस्सा कैसे बनाया जा सकता है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक ‘गिलगिट-बल्टीस्तान आदेश, 2018’ के खिलाफ वहां के निवासियों ने प्रदर्शन किया था और उनकी मांग थी कि इस इलाके का प्रशासन राष्ट्रपति के आदेशों से चलाने के बजाय इसे कानूनी रूप से पाकिस्तान का हिस्सा घोषित किया जाए। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने कब्जे वाले कश्मीर को प्रशासनिक आधार पर दो हिस्सों में बांटा है। एक हिस्सा गिलगित-बाल्टिस्तान और दूसरा पीओके कहा जाता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार को इसे राज्य का दर्जा देने के लिए संविधान में संशोधन की भी जरूरत पड़ेगी। इसमें काफी वक्त लग सकता है। इसलिए पाकिस्तान सरकार इस इलाके के लोगों को कुछ संवैधानिक अधिकार देकर अंतरिम कदम उठा सकती है। आपको बता दें कि अदालत का यह निर्देश तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार द्वारा गठित विशेष समिति की उस सिफारिश के बाद आया है जिसमे कहा गया था कि पीओके को औपचारिक रूप से पाकिस्तान का हिस्सा बनाए बिना उसके प्रशासन में सुधार नहीं किया जा सकता। इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा हो सकता है तो फिर पाकिस्तान का क्यों नहीं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ‘अगर भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को शामिल करके जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया है तो पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा क्यों नहीं दे सकता।’
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