गौरतलब है कि पाक पीएम इमरान खान के लिए यह कड़ी चुनौती होगी। पाकिस्तान में आतंकवाद को सेना का समर्थन प्राप्त है। अगर इमरान आतंकवाद पर कोई बड़ी कार्रवाई करते हैं तो उन्हें सेना की तल्खी झेलनी पड़ सकती है।
फ्लोरिडा के ओरलैंडो में एक बैठक के दौरान FATF ने चिंता व्यक्त की है कि पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा है। इसके बाद वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा कर नहीं सका है।
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संस्था का कहना है कि पाकिस्तान को अक्टूबर तक कड़ाई से कार्य योजना का पालन करना चाहिए, नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
वहीं भारत ने पाकिस्तान से उम्मीद जताई है कि वह FATF के एक्शन प्लान को सितंबर तक प्रभावी ढंग से लागू करेगा। इसके लिए वह अभी से जरूरी कदम उठाएगा और देश में पनाह लेने वाले आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण से संबंधित समस्याओं को दूर करेगा। इसके लिए उसे आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़नी होगी।
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एफएटीएफ की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं कि वह वैश्विक चिंताओं का निवारण करते हुए आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाएगा। आतंकी संगठनों होने वाले वित्त पोषण पर भी रोक लगाएगा।