लगातार बढ़ती घटनाओं को देखकर उठाई आवाज
विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामले भले ही काफी गंभीर नहीं थे, लेकिन लगातार बढ़ती ऐसी उत्पीड़न घटनाओं को देखते हुए सरकार ने इस विरुद्घ आवाज उठाना ही उचित समझा। इस विरोध के बीच एक आधिकारिक सूत्र ने यह भी जानकारी दी कि भारत ने नई दिल्ली में पाक के नए उच्चायोग मोईन-उल-हक की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। बता दें कि पहले पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थी कि भारत को हक की नियुक्ति से ऐतराज है।
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अगस्त में दिल्ली आएंगे पाक के नए उच्चायोग
मोईन-उल-हक अगस्त के तीसरे हफ्ते में नई दिल्ली आएंगे। हक पहले फ्रांस में पाकिस्तान के उच्चायोग थे। मई में पाकिस्तान ने मोईन को भारत में तैनात करने का फैसला लिया है। भारत को उम्मीद है कि इस नई नियुक्ति से दोनों देश के बीच सकारात्मक रिश्ते स्थापित होने में मदद मिलेगी।
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पिछले कुछ महीनों में बढ़ा 1992 कोड ऑफ कंडक्ट का प्रयोग
आपको बता दें कि दोनों देशों ने पिछले कुछ महीनों में इस तरह के उत्पीड़न की घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान में राजनयिक /कांसुलर कर्मियों के व्यवहार के लिए 1992 की आचार संहिता का उपयोग किया है। वहीं दूसरी ओर भारत अब भी पाकिस्तान के साथ अपने पूर्व नौसैनिक कुलभूषण जाधव को कॉनसूलर एक्सिस दिलाने पर चर्चा जारी रखे हुए है।
1992 कोड ऑफ कंडक्ट भारत और पाकिस्तान के बीच एक समझौता है जो एक दूसरे के राजनयिकों से अच्छा व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। इसके तहत शिकायत मिलने पर दोनों देश कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।