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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जो लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, उनके संपर्क में आने वाले लोगों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू की जा चुकी है। जिस-जिस हाउसिंग सोसाइटी में संक्रमित मरीज मिले हैं, उन जगहों को सील कर दिया गया है।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग का दावा है कि बाहर से आने वाले मामले दबाव पैदा कर रहे हैं। ऐसे में रूस से सटे हुए शहरों में कोरोना संक्रमित के बारे में जानकारी देने वाले के लिए इनाम का ऐलान किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि जो भी कोरोना संदिग्ध या संक्रमित को ट्रेस करने में मदद करेगा, उसे इनाम के तौर पर एक लाख युआन यानी 15500 डॉलर दिए जाएंगे।
चीनी सरकार की ओर से कोरोना महामारी के कुछ मामले आने पर ही ऐसे सख्त फैसलों की वजह से आम लोगों में नाराजगी की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के सीमावर्ती प्रांत में लोगों के बीच लॉकडाउन को लेकर गुस्सा और खीझ पनप रही है। इस प्रांत में आय का मुख्य स्रोत व्यापार है और लॉकडाउन के कारण बीते दो साल में कई बार व्यवसाय ठप पड़ चुके हैं।
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चीन में लगभग 76 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है और सरकार कोविड के बढ़ते मामलों पर काबू के लिए विभिन्न सख्त कदम उठा रही है। हाल के दिनों में कम से कम पांच प्रांतों में स्थानीय और प्रांतीय स्तर की सरकारों ने नोटिस जारी कर घोषणा की थी कि तीन से 11 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाने की आवश्यकता होगी।