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अंतरिक्ष में बनेगा बांध, खींचेगा सूरज की ऊर्जा…स्पेस में बनने जा रहा चीन का नया प्रोजेक्ट, जानिए क्या है ये 

China Dam in Space: अंतरिक्ष में चीन ने बांध बनाने का ऐलान कर दिया है। कहा जा रहा है कि इस बांध से चीन अनंत समय तक सूर्य की ऊर्जा (Solar Energy) का दोहन करता रहेगा।

नई दिल्लीJan 10, 2025 / 12:52 pm

Jyoti Sharma

China Plan to build 3 Gorge Dam in Space to get endless Solar Energy

अंतरिक्ष में बांध के लिए सामान पहुंचाएगा ये रॉकेट

China Dam in Space: तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने का ऐलान कर भारत-बांग्लादेश समेत दुनिया में हलचल मचाने वाले चीन ने अब अंतरिक्ष में भी एक बांध बनाने का ऐलान कर दिया है। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि चीन अंतरिक्ष में 3 गॉर्जेस बांध (Three Gorges Dam in Sapce) बनाने के प्लान पर काम कर रहा है। चीन के रॉकेट साइंटिस्ट्स की टीम ने सरकार के सामने सुपर हैवी रॉकेट का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा स्टेशन (Solar Energy Station in Space) बनाने का ब्लू प्रिंट पेश किया है। 

आखिर क्या है ये परियोजना?

अंतरिक्ष में चीन के बांध बनाने की परियोजना को लेकर साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कहा है कि चीन का ये प्रोजेक्ट “पृथ्वी के ऊपर एक और 3 गॉर्जेस डैम परियोजना” है। इस अंतरिक्ष आधारित प्रोजेक्ट से सौर ऊर्जा स्टेशन पर धरती की कक्षा में सूर्य की ऊर्जा इकट्ठा की जाएगी और फिर इसे जमीन पर भेज जाएगा। जिससे लगातार और हमेशा बिजली (Electricity) मिलती रहेगी। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र की ‘मैनहट्टन परियोजना’ कहा जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, इस प्रोजेक्ट के जरिए हर मौसम, हर समय, बिना किसी रुकावट के ऊर्जा ली जा सकती है। अंतरिक्ष में ऊर्जा घनत्व बहुत ज्यादा है, धरती की सतह पर औसत से लगभग 10 गुना ज्यादा है। 

धरती से ऊपर 36000 किमी दूरी पर भूस्थिर कक्षा में होगा स्थापित

रिपोर्ट में चीन के रॉकेट साइंटिस्ट और चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (CAE) के सदस्य लॉन्ग लेहाओ के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट (Three Gorges Dam in Sapce) पर अभी काम हो रहा है, ये उतना ही अहम है जिताना 3 गॉर्जेस डैम को धरती से 36,000 किमी ऊपर भूस्थिर कक्षा में ले जाना। ये एक अविश्वसनीय प्रोजेक्ट है , पूरा चीन इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 
बता दें कि 3 गॉर्जेस बांध (China Three Gorges Dam) दुनिया की सबसे बड़ा हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट है। ये बांध चीन की सबसे लंबी नदी यांग्त्ज़ी पर बना हुआ है। इस बांध से साल में 100 बिलियन किलोवाट प्रति घंटा बिजली का उत्पादन होता है। ब्रह्मपुत्र नदी (China Dam on Brahmaputra River) पर जो चीन बांध बनाने जा रहा है उस पर ये दावा किया जा रहा है कि इस थ्री गॉर्जेस बांध से भी 3 गुना बिजली उत्पादन इस हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट (China Hydro Power Project) से हो सकेगा।

मिलेगी इतनी ऊर्जा कि धरती का सारा तेल निकल जाए

बीते अक्टूबर में CAS यानी चीनी विज्ञान अकादमी के आयोजित एक सेमिनार ने रॉकेट साइंटिस्ट लोंग ने कहा था कि आप कल्पना करिए कि धरती से 36,000 किमी दूर भूस्थिर कक्षा में 1 किमी चौड़ी सोलर चेन स्थापित की जाए…इससे एक साल में इतनी ऊर्जा मिलेगी जितनी धरती से पूरा का पूरा तेल निकाला जा सकता है। 

कैसे तैयार हो रहा ये प्रोजेक्ट

जितना अविश्वसनीय ये प्रोजेक्ट सुनने में लग रहा है उससे कहीं ज्यादा तो इसके तैयार होने की जानकारियां हैरान कर रही हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे पहले अंतरिक्ष में इस डैम को बनाने के लिए जरूरी सामान पहुंचाना होगा और वो सामान एक भारी-भरकम रॉकेट लेकर जाएगा। इसके लिए चीन अपने मार्च-9 (CZ-9) रॉकेट
का इस्तेमाल करेगा। इस पर नजर डालें तो-

1- CZ-9 रॉकेट की लॉन्च क्षमता करीब 6,000 टन है और इसका टेक-ऑफ वजन 4,000 टन से ज़्यादा है। 

2- ये रॉकेट धरती से 150 टन तक का भार पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जा सकता है।
3- इस रॉकेट की ये क्षमता अमेरिका स्पेस एजेंसी NASA के सैटर्न वी (Saturn-V) और स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) हेवी-लिफ्ट रॉकेट से ज़्यादा है, जिनकी क्षमता 130 टन है।

4- इस रॉकेट CZ-9 का व्यास 10.6 मीटर यानी करीब 34.7 फ़ीट है, जो CZ-5 के 5 मीटर व्यास से काफ़ी बड़ा है।
5- CZ-5 की ही ऊंचाई करीब 50 मीटर है, जबकि CZ-9 की ऊंचाई 110 मीटर है।

6- इस रॉकेट का एक बड़ा इस्तेमाल अब अंतरिक्ष में बनने जा रहे सौर ऊर्जा स्टेशनों के निर्माण होगा।
बता दें कि जून 2021 में, चीन ने बिशन, चोंगकिंग में अपना पहला प्रायोगिक अंतरिक्ष सौर ऊर्जा स्टेशन बनाना शुरू किया था। ये परियोजना अंतरिक्ष सौर ऊर्जा उत्पादन, वायरलेस माइक्रोवेव ऊर्जा संचरण और अंतरिक्ष संचार नेटवर्क जैसी प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और सत्यापन पर केंद्रित है। 

चीन को क्या मिलेगा फायदा 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्पेस में बनने जा रहे इस बांध से अंतरिक्ष ऊर्जा ग्रिड के निर्माण और सैटेलाइट्स को चार्ज तो किया ही जा सकता है साथ ही इसका इस्तेमाल हवाई जहाजों, ड्रोन बेड़े, मोबाइल समुद्री प्लेटफार्म्स को बिजली देने के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों और आपदा क्षेत्रों में वायरलेस बिजली देने के लिए किया जा सकता है।

क्या अमेरिका भारत के लिए बढ़ेगी चुनौती 

चीन का इस तरह अंतरिक्ष में बांध बनाकर सौर ऊर्जा का दोहन करने का प्रोजेक्ट कब शुरू होगा इस पर अभी कोई निश्चित साल या तारीख नहीं दी गई है लेकिन कई विश्लेषकों ने ये अंदाजा लगाया है कि इस प्रोजेक्ट से भारत, अमेरिका, जापान जैसे देशों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है, हालांकि इनमें से किसी भी देश की तरफ से इस पर कोई बयान नहीं आया है। 

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