पांच राज्यों में सरकारों को नोटिस जारी कर दिया गया है कि जल्द से जल्द 3 से 11 साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाए। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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पिछले 24 घंटों के दौरान लोकल ट्रांसमिशन के 35 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार गांसू (Gansu) में हैं। शेष अन्य 19 मामले इनर मंगोलिया क्षेत्र में पाए गए, जबकि बाकी मामले देश भर से रिकॉर्ड हुए हैं।
चीन अपनी कुल आबादी में से 76 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह से वैक्सीनेशन कर चुका है। मतलब चीन में 76 फीसदी पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। चीन ने जून में दो वैक्सीनों को मंजूरी दी थी। इन्हें 3-17 साल के बच्चों को लगाया जाना था।
जिन वैक्सीनों को मंजूरी दी गई, उसमें सिनोफार्म और सिनोवैक शामिल हैं। सिनोफार्म को बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा तैयार किया गया, जबकि सिनोवैक को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा तैयार किया गया। मगर इन वैक्सीनों के जरिए 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीनेट किया गया।
चीन में बच्चों के लिए वैक्सीन को स्वीकृति मिलने के बाद विदेशी सरकारों ने अपने देशों में भी बच्चों को इंजेक्शन देना शुरू कर दिया। कंबोडिया 6-11 साल के बच्चों को सिनोवैक और सिनोफार्म दोनों वैक्सीन लगा रहा है। चिली में नियामकों ने 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सिनोवैक को मंजूरी दी। अर्जेंटीना में भी नियामकों ने 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सिनोफार्म वैक्सीन को मंजूरी दी है।
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इस बीच, पर्यटकों के बीच लोकप्रिय उत्तर-पश्चिमी चीन के गांसू प्रांत में कोविड-19 के नए मामले सामने आने के बाद सोमवार को यहां के सभी पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया। गांसू प्रांत प्राचीन समय के रेशम मार्ग पर स्थित है और इसे बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रों वाली गुफाओं और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए पहचाना जाता है।