लाहौर। अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली का वंशज होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने ब्रिटिश शासकों द्वारा बारकी के नजदीक उनके परिवार को दी गई 182 एकड़ जमीन के पट्टे को रद्द किए जाने को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ लाहौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। अब्दाली और मराठों के बीच 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई हुई थी जिसमें उसने मराठों को हराया और उपमहाद्वीप के इतिहास को प्रभावित किया।
अब्दाली का मूल नाम अहमद शाह दुर्रानी था, जिसका वंशज होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता शाहपुर दुर्रानी ने कहा है कि पाकिस्तान के गठन के बाद संघीय सरकार ने जमीन का पट्टा दिया और इसमें खलल नहीं डालने का फैसला किया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि हालांकि, पंजाब सरकार ने हाल ही में बारकी के पास (लाहौर के करीब) 182 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया ताकि एक IT यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जा सके और पट्टा रद्द कर दिया।
दुर्रानी ने बताया कि ब्रिटिश शासकों ने मुसलमानों की सेवाओं को लेकर पुरस्कार के रूप में उनके पूर्वजों को यह जमीन दी थी। उन्होंने अदालत से सरकार के इस फैसले को रद्द करने और उनके परिवार को दी गई जमीन के पट्टे को बहाल करने की मांग की है। अब्दाली दुर्रानी साम्राज्य का संस्थापक था और उसे आधुनिक अफगानिस्तान का संस्थापक माना जाता है।
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