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धमाकों के एक हफ्ते बाद भी ताजा हैं श्रीलंका के जख्म, हर तरफ मंडरा रहा है आतंक का खौफ

250 से अधिक लोगों की जानें चली गईं थी हमले में
जनजीवन अभी भी पटरी पर नहीं उतरा
ये बात चर्चा में है कि क्या हमले रोके जा सकते थे

Apr 29, 2019 / 11:53 am

Mohit Saxena

srilanka

धमाकों के एक हफ्ते बाद भी ताजा हैं श्रीलंका के जख्म, हर तरफ मंडरा रहा है आतंक का खौफ

कोलंबो। बीते हफ्ते श्रीलंका में हुए आतंकी धमाकों में करीब 250 से अधिक लोगों की जानें चली गईं। इन धमाकों के बाद श्रीलंका में जनजीवन अभी भी पटरी पर नहीं उतरा है। लोगों में भय का माहौल है। उन्होंने अपने घरों से निकलना कम कर दिया है। खौफ इस तरह से लोगों पर हावी है कि वह नहीं समझ पा रहे हैं कि किस तरह से अपनी दिनचर्चा को वापस ढर्रे पर लेकर आएं।इस घातक हमले को लेकर ये बात चर्चा में है कि क्या हमले रोके जा सकते थे। श्रीलंकाई सरकार का कहना है कि उसे भारत की तरफ से पर्याप्त इनपुट मिले थे। मगर तत्परता से कार्रवाई नहीं की जा सकी।धमाके के बाद पुलिस लगातार कई जगहों पर रेड मार रही है। हाल ही में उसने एक फैक्टरी में छापा मारकर भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया। हर तरफ चर्चा है कि पुलिस और इंटेलीजेंस फोर्स अगर पहले इस तरह की तेजी दिखाती तो इतना बड़ा हमला नहीं होता।
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बीते कई सालों से सक्रिया रहा

इस हमले का मास्टरमाइंड जाहरान हाशिम को लेकर मीडिया में चर्चा है कि सालों से यहां रह रहे इस शख्स को आजतक क्यों नहीं पकड़ा गया। वह सोशल मीडिया पर बीते कई सालों से सक्रिय रहा है। हाशिम के हजारों फॉलोअर हैं, इस प्लेटफॉर्म पर वह भड़काऊ उपदेश देता था। तीन साल पहले एक वीडियो में वह गैर-मुसलमानों के प्रति भड़काऊ उपदेश दे रहा था। जिसके बाद मुस्लिम काउंसल ऑफ श्रीलंका के वाइस प्रेजिडेंट हिलमी अहमद ने स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी। हिलमी अहमद ने कहा कि वह अविवाहित था, जो कि कुरान क्लास की आड़ में युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा था। लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये इतना बड़ा हमला कर सकता है। अहमद के अनुसार हाशिम एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखता था और पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी। हालांकि, अभी भी इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि क्या इसी ग्रुप ने ईस्टर अटैक किया था।
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बड़ी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया

हमलों के बाद से हफ्ते भर में, खुफिया और सुरक्षा विफलताओं के कई खुलासे हुए हैं। बड़े पैमाने पर राजनीतिक घुसपैठ और एक दुविधापूर्ण सरकार जो अब भी एकजुट मोर्चा दिखाने में नाकाम है। पुलिस और कथित आतंकवादियों के बीच कलथुमई के संथमारुथु में एक घातक गोलीबारी के बाद शुक्रवार को बड़ी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया गया था। बम विस्फोटों से पहले, भारत की खुफिया सेवा ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष को चेतावनी दी थी कि जाहरान चर्चों और होटलों पर हमले की योजना बना रहा था। असामान्य रूप से विशिष्ट खुफिया रिपोर्टों से पहले, अन्य संकेत थे कि कुछ बड़ा होने जा रहा था। जनवरी में, पश्चिमी श्रीलंका के वानथाविलुवा में एक नारियल के खेत में पुलिस ने 100 किलोग्राम विस्फोटक पाए जाने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि पुलिस को उस समय संदेह हुआ, जब इस खोज को बौद्ध मंदिरों पर पहले हुए हमलों से जोड़ा गया था। ज़ातरण के गृह नगर कट्टनकुडी में इस महीने की शुरुआत में, एक मोटरबाइक को उड़ा दिया गया था, जो अब पुलिस को लगता है कि रविवार के हमलों का एक परीक्षण था। यूट्यूब और फेसबुक पर साझा किए गए जाहरान के उपदेशों के बारे में उदारवादी मुस्लिम और कुछ बौद्ध चिंतित थे,जो तेजी से हिंसक और चरम मोड़ ले रहे थे।
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