जानकारी के अनुसार, काबुल के पश्चिम स्थित शेरशाह सूरी मस्जिद में IED से धमाका किया गया। इस धमाके में कई लोग घायल भी हो गए हैं। बता दें कि इससे पहले 2 जून को काबुल के डाउन टाउन में वजीर अकबर खान मस्जिद में भी विस्फोट हुआ था।
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इस धमाके में मस्जिद के इमाम मोहम्मद अयाज नियाजी की मौत हो गई थी। हालांकि इस घटना की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली थी।
आंतरिक मंत्रालय ने की हमले की पुष्टि
अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण मस्जिद में कम लोग नमाज करने पहुंचे थे। यही कारण है कि इस विस्फोट की चपेट में कम लोग आए हैं।
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इस हमले की जानकारी मिलने के बाद फौरन मौके पर पुलिस की टीम पहुंची और जांच शुरू कर दी। मौके पर पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने भी पूरे घटना की जांच की। बताया जा रहा है कि विस्फोटक को मस्जिद के अंदर छिपा कर रखा गया था।
आपको बता दें कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा हुई थी, जिसके तहत अफगानिस्तान ने 900 तालिबानी कैदियों को बीते महीने रिहा कर दिया गया है। इसमें से 600 काबुल स्थित कुख्यात बगडाम ( Bagram ) जेल में बंद थे। अफगान सरकार ने तालिबान की तरफ से ईद-उल-फितर के मौके पर तीन दिवसीय युद्धविराम प्रस्ताव के जवाब में कैदियों की रिहाई का ऐलान किया था।