मौत को बताया साजिश, सच सामने लाने की मांग
सुचिर बालाजी पिछले महीने सैन फ्रांसिस्को के अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। पूर्णिमा रामाराव ने बेटे की मौत की जांच में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्होंने एक प्राइवेट संस्था से मामले की जांच कराई तो तथ्य कुछ और इशारा कर रहे हैं। इस जांच के सारे तर्क और फैक्ट फाइंडिंग्स लोकल पुलिस की अब तक की जांच के एकदम विपरीत हैं। सुचिर बालाजी का शव देखने के बाद मेडिकल अफसर ने इसे आत्महत्या का केस करार दिया था। मां ने चैटजीपीटी से पड़ताल की तो पता चला कि उनके बेटे के अपार्टमेंट में मिले खून के धब्बे कहीं से भी आत्महत्या का मामला नहीं लगते। गड़बड़ी का संकेत
पूर्णिमा रामाराव ने कहा कि उनके बेटे को द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा ओपनएआई के खिलाफ दायर मुकदमे में संभावित गवाह के रूप में नामित किए जाने के एक हफ्ते बाद मृत पाया गया, जो अपने आप में कुछ न कुछ गड़बड़ी होने का संकेत देता है।
ओपनएआई पर लगाए आरोप, परेशानी बढ़ी
अगस्त में ओपनएआई छोडऩे वाले बालाजी ने ओपनएआई के डेटा-कलेक्शन के तरीकों और चैटजीपीटी को डेवलप करने में कथित कॉपीराइट उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि इन आरोपों के बाद उन्हें परेशान करने की कोशिश की गई। बता दें कि बीते साल अक्टूबर में बेंगलुरु में हत्या का एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 29 वर्षीय महिला की बेरहमी से हत्या कर उसके शव को 32 टुकड़ों में काटकर फ्रिज में भर दिया गया था।