अशरफ गनी इस समय अपने परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात में हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि काबुल से भागने के बाद गनी यूएई के अबू धाबी में मानवीय आधार पर शरण मिल गई है। पहले वह पड़ोसी देश ताजाकिस्तान गए थे। मगर यहां पर उनके विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि उनके पास किसी तरह कोई विकल्प नहीं था और वह देश के भविष्य के लिए विकास योजनाओं में योगदान देते रहेंगे।
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ढेर सारा कैश भरकर देश से भागे
अशरफ गनी पर आरोप है कि काबुल छोड़ने से पहले 15 अगस्त को चार कार और एक हेलीकॉप्टर में ढेर सारा कैश भरकर देश से भागे। सोमवार को रूसी दूतावास की प्रवक्ता निकिता इशचेंको ने कहा कि शासन का पतन… यही बताता है कि कैसे गनी अफगानिस्तान से भाग गए। चार कारें पैसे से भरी हुई थीं, उन्होंने पैसे के दूसरे हिस्से को हेलीकॉप्टर में डालने की कोशिश की लेकिन सबकुछ उसमें फिट नहीं बैठ रहा था। कुछ पैसा नीचे भी गिर गए। हालांकि गनी सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित करा
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने गनी के जाने के बाद खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संविधान के अनुसार, अगर राष्ट्रपति अनुपस्थित रहे, उनकी मौत हो जाए या फिर वो इस्तीफा दे दें, तो उनकी गौर मौजूदगी में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। सालेह ने तालिबान को लेकर कहा कि जंग अभी खत्म नहीं हुई है. ऐसा कहा जा रहा है कि वे अभी अजेय प्रांत पंजशीर में ही हैं। तालिबान के खिलाफ विद्रोह अपनी तैयारी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई मुजाहिद्दीन लड़ाकों ने कुछ तालिबानियों को मार गिराया है। तालिबान से पुल-ए-हेसार, देह सलाह और बानु जिलों को वापस ले लिया है।