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करीब 15 दिनों से अस्पताल में चल रहा था इलाज
दरअसल अशोकनगर के रहने वाले अनिल जैन को करीब 15 दिन पहले तबीयत बिगड़ने के बाद अशोकनगर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां गुरुवार सुबह इलाज के दौरान अनिल की मौत हो गई। डॉक्टरों के अनिल को मृत घोषित किए जाने के बाद परिजन उनकी डेडबॉडी लेकर मुक्तिधाम पहुंचे। परिजन का कहना है कि जैसे ही उन्होंने अनिल जैन के शव को चिता पर रखा तो उसमें हलचल हुई और एक आवाज आई जिससे वो हैरान रह गए और तुरंत डॉक्टर को सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने जांच की और उन्हें मृत घोषित कर दिया। लेकिन परिजन को फिर भी यकीन नहीं हुआ और वो मृतक का शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे वहां भी डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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परिजन का आरोप
इस वाक्ये के बाद मृतक अनिल के भाई ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल ने जब अनिल को मृत घोषित किया था तब वो जीवित था और मुक्तिधाम में शव पर लिटाते वक्त उसकी मौत हुई है। एक तरफ जहां मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों का खंडन किया है और साफ कहा है कि मृतक को मुक्तिधाम से लाने के बाद भी जांच की गई थी और तब भी वह मृत ही था। बता दें कि प्रदेश में बीते दिनों में ये दूसरा मामला है। इससे पहले ग्वालियर में भी एक युवक को मृत घोषित कर दिया गया था और जब परिजन उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तो उसकी सांसें चल रही थीं।
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