नहाने के लिए उपयोग ग्रामीण रामदीन बैगा ने बताया कि आज भी वह अंतिम संस्कार के दौरान नहाने इसी तालाब में जाते हैं। खुटवा से यह तालाब लगा हुआ है ऐसे में स्थानीय ग्रामीण अपने विभिन्न कार्य के लिए इसका उपयोग करते है। वन विभाग ने बिना पंचायत और स्थानीय ग्रामीण की सलाह के ही इस पर फ्लाई ऐश की भरपाई किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह गलत है।
नहीं देख रहे परेशानी ग्रामीण सुभाष मिश्रा ने बताया कि डोंगरी टोला और खुटवा के आदिवासी परिवार आज भी इस जलाशय का उपयोग अपने दैनिक उपयोग में करते हैं। जलाशय हमेशा से ही उपयोगी होते हैं जिसे समाप्त करने से सिर्फ नुकसान ही है। ग्रामीण एवं वन्यजीवों के लिए यह जल स्रोत लाभकारी है इसे समाप्त करने से जल समस्या का सामना करना पड़ेगा।
मवेशियों के लिए परेशानी स्थानीय निवासी लखन सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आदिवासी परिवार बकरी और मवेशी पालन का कार्य करते हैं। जिनके पेयजल के लिए यह एकमात्र जल स्रोत है। गर्मी के समय तो और भी ज्यादा पानी की समस्या क्षेत्र में हो जाती है ऐसे में इस जलाशय का उपयोग मवेशी और स्थानीय लोग दोनों ही करते हैं। तालाब पाटने की अनुमति जनभावना से खिलवाड़ है।
यह शासन के आदेश पर किया जा रहा है। शासन से निर्देश हंै कि जहां से कोयले का खनन किया गया है उसे समतल करते हुए वन विभाग के सुपुर्द किया जाए। 3 महीने के बाद तालाब का कहीं और उत्खनन कर दिया जाएगा। वर्तमान में आदेश का पालन कर रहे हैं। विपिन पटेल, डीएफओ, अनूपपुर