जिले के एक बुजुर्ग की तीन बेटियां हैं, जिनमें से दो की शादी पहले ही हो चुकी है। तीसरी बेटी का रिश्ता उसके बहनोई ने एक युवक के साथ तय कर दिया था। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में शादी कराने के लिए आवेदन किया गया था। बीते 11 दिसंबर को सामूहिक विवाह समारोह में दोनों की शादी हो गई। उपहार के रूप में गहने, बर्तन, कपड़े दिए गए थे।
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पति हिस्ट्रीशीटर है, इसलिए मैं नहीं गई ससुरालशादी के दौरान ही दुल्हन को भनक लग गई कि उसका पति हिस्ट्रीशीटर है और उस पर कई मुकदमें दर्ज है। जिसके बाद दुल्हन ने ससुराल जाने से इन्कार कर दिया। परिजनों ने बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन नहीं मानी। दुल्हन ने उपहार वापस कर दिया और अधिकारी से कहा कि पति हिस्ट्रीशीटर है, इसलिए मैं ससुराल नहीं गई।
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नहीं मिलेंगे 35 हजार रुपयेअधिशासी अधिकारी ब्रजेश कुमार का कहना है कि नगर पालिका की तरफ से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में शादी कराई थी, जिसमें उपहार में गहने, कपड़े, बर्तन दिए थे। साथ ही दुल्हनों के खातों में 35 हजार रुपये के चेक भेजे जा रहे हैं। अब एक दुल्हन ने पति के घर जाने से ही मना कर दिया है। इसलिए उसके खाते में 35 हजार रुपये की राशि नहीं भेजी जाएगी।