यूरोपीय संघ ने यात्रा प्रतिबंध पर छूट देने के लिए बनाए नए नियम, ये शर्तें रखीं
रहस्यमयी विषयों को जानने के उत्सुक थे
ओबामा ने शो के जरिए बताया कि किस तरह वे अपने बचपन में इन विषयों को लेकर काफी उत्सुक रहा करते थे। उन्होंने बताया कि जब वे 2008 में अमरीका के राष्ट्रपति बने तो एलियंस और बाकी रहस्यमयी विषयों को जानने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित थे। वे उन लैब्स के बारे में जानने की कोशिश करते थे, जहां पर एलियंस और उनकी उड़न तश्तरियों को रखकर शोध किया जाता है।
ऐसी कोई लैब नहीं है
इस बात से पर्दा उठाते हुए ओबामा ने कहा कि ऐसी कोई भी लैब नहीं है, जहां पर एलियंस या कहें यूएफओ को रखा जाता है। ये सारी बातें अफवाहें थीं। हालांकि ओबामा ने इस बात को माना कि कि ऐसे कई सारे वीडियो फुटेज सामने जरूर हैं, इनमें अंतरिक्ष में यूएफओ को उड़ते देखा गया है। हमने इनका पता लगाने के लिए कई सारे शोध करे हैं, मगर इनके विषय में हमें कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
कोरोना महामारी के दौर में यरुशलम शहर की दुनियाभर में क्यों हो रही सबसे अधिक चर्चा, पढिय़े महत्वपूर्ण जानकारियां
कोई जानकारी नहीं पा सके
शो में ओबामा ने कहा- “रिसर्च के बाद भी हम लोग इन यूएफओ के बारे में कोई जानकारी नहीं पा सके हैं। ये कैसे उड़ते हैं? इनका प्रक्षेपवक्र कैसा होता? ये किन चीजों से तैयार हैं? इससे जुड़ी कई जानकारी हमें अब तक नहीं पता चल सकी हैं। वहीं दूसरी तरफ अमरीकी सैन्य बेस पर ऐसी कई उड़न तश्तरियां देखने का दावा किया गया है।” ओबामा के अनुसार “हम अब तक इन रहस्यमयी उड़न तश्तरियां या यूएफओ का कोई पैटर्न नहीं जान पाए हैं। ये तकनीक और रफ्तार के मामले में अमरीकी सेना से बहुत आगे हैं। अंत में बराक ओबामा ने कहा कि उनके पास इन गतिविधियों को लेकर कोई रिपोर्ट अभी तक नहीं है। मगर ये काफी गंभीर विषय है। इन पर जांच की आवश्यता है।”