शहर के गाड़ाघाट स्थित शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान से एक युवक ने गुरुवार को ब्लू रसियन ऑरेंज कपल फ्लेवर्ड वोदका शराब की 180 एमएल की सील बंद बॉटल खरीदी। शराब की शीशी लेकर वह अपने साथी के साथ अंग्रेजी शराब दुकान की सीढिय़ां उतरा ही था कि उसकी नजर शीशी के अंदर शराब में तैर रहे कीड़ानुमा फंगस पर पड़ी।
अंबिकापुर में संचालित शराब दुकानों में शराब में मिलावटखोरी बिना किसी डर भय से किया जा रहा है। इसका खामियाजा शराब प्रेमियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। इस मिलावटी शराब पर काबू पाने प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने कई बार लगाम लगाने की कोशिश की, लेकिन आज तक सफल नहीं हो सके हैं।
शराब की बोतल या अद्धी, पउवा की शीशी लेने के बाद ग्राहक पैसे देकर चले जाते हैं। इसके बाद शराब दुकानों के सेल्समैन मानने को तैयार नहीं होते कि उक्त शराब उनके यहां से खरीदी गई है। शराब दुकानों से ऐसी कोई पर्ची या बिल नहीं दी जाती है, जिससे किस दुकान से शराब खरीदी गई है इसकी पुष्टि हो सके। ऐसे में शराब के शौकीन दुविधाजनक स्थिति से गुजरते हैं।
आबकारी अधिकारी ने नहीं उठाया फोन
वहीं जिले के आबकारी अधिकारी नवनीत तिवारी से शराब में कीड़े मिलने के संबंध में उनका पक्ष जानने उनके मोबाइल पर कॉल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।