डिप्टी सीएम का निवास घेरने निकले सफाईकर्मियों का पुलिस ने रोका रास्ता तो दूसरे रास्ते से लगाई दौड़, हुई जोर-आजमाइश
Deputy CM house: सफाई कर्मचारियों की भीड़ रोकने पुलिस द्वारा किए गए पुख्ता प्रबंध नहीं आया काम, प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में शहर में सभा व रैली के बाद डिप्टी सीएम का घेरा निवास
अंबिकापुर. Sorrounded of Deputy CM house: सरकारी स्कूलों में कार्यरत सरगुजा संभाग के हजारों सफाई कर्मचारियों ने शुक्रवार को शहर में सभा, रैली का आयोजन करने के बाद उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के निवास का घेराव करके जमकर हल्ला बोला। इन्हें मनाने पुलिस को 2 घंटे से अधिक मशक्कत करनी पड़ी। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के शहर से बाहर रहने का हवाला देकर पुलिस इन्हें मनाने का प्रयास करती रही, लेकिन ये कर्मचारी मानने को तैयार नहीं थे। इनका कहना था साढ़े चार साल से वे घोषणा पत्र में किए गए वायदे के अनुरूप पूर्णकालिक, कलेक्टर दर से नियमितिकरण करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा है।
पुलिस बैरीकेड लगाकर इन्हें रोकने का पुख्ता इंतजाम करके रखी थी, लेकिन हजारों की संख्या में पहुंचे सफाई कर्मचारी उपमुख्यमंत्री के निवास की ओर आने वाले मुख्य मार्ग को छोडक़र दुकान के बगल से गलीनुमा खुले रास्ते में दौड़ लगा दिए। पुलिस का जब तक इस ओर ध्यान जाता, तब तक ये कर्मचारी उपमुख्यमंत्री के निवास के करीब तक आ चुके थे।
इसके बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए। हल्ला बोल रहे इन कर्मचारियों के बीच जोर-आजमाइश की स्थिति बनी रही। पुलिस हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले पहुंचे इन कर्मचारियों के संरक्षक व संभागाध्यक्ष को समझाइश देकर मनाने में सफल हो गई,
लेकिन इनके साथ भीड़ की शक्ल में आए महिला-पुरुष कर्मचारी इनकी बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं थे। यही नहीं संघ के पदाधिकारियों व कर्मचारियों के बीच भी कहासुनी की स्थिति बन रही थी।
बाद में 27 सितंबर को उपमुख्यमंत्री के अंबिकापुर में रहने के दौरान मुलाकात के आश्वासन पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी इन्हें मनाने में सफल हुए।
दो घंटे काम के एवज में मिलता है 2500 से 2800 रुपए कर्मचारी संघ के संभाग अध्यक्ष बिंदेश्वर राम, संरक्षक आनंद गुप्ता, जहर साय, श्याम देव रवि , विजय रवि, देवेंद्र यादव सहित अन्य ने बताया कि सरकारी स्कूलों में 12 वर्षों से 43 हजार 301 अंशकालीन कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। स्कूलों में सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक दो घंटे उनसे काम लिया जाता है,
दोपहर 12 बजे के बाद वे खाली हो जाते हैं। इसके बाद कोई दूसरा काम नहीं मिलने के कारण वे दिन भर की मजदूरी दर से भी वंचित रह जाते हैं। इधर दो घंटे काम करने के एवज में उन्हें 25 सौ से 28 सौ रुपये मिलता है।
मंहगाई भरे दौर में इतने कम रुपये में परिवार का वे भरण-पोषण नहीं कर पाते हैं। कर्ज के सहारे अपना जीवन व्यतीत करने वे मजबूर हैं। धरना-प्रर्दशन व रैली ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी उनकी बातों को अनसुना कर दिया जा रहा है।
प्रदेश सरकार अब तक नहीं कर पाई वादा पूरा साढ़े चार साल में वादा पूरा नहीं कर पाई सरकार की वादाखिलाफी से आक्रोशित स्कूलों में सेवा देने वाले सफाई कर्मचारियों का कहना था साढ़े 4 साल बीतने के बाद भी घोषणा पत्र में किए गए वायदे को छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया और घोषणा पत्र बनाने वाले पूरा नहीं कर पाए हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी के द्वारा उनकी मांगों के परिप्रेक्ष्य में लिखित व मौखिक वायदा किया गया था कि सत्ता में आने के 10 दिन में उन्हें पूर्णकालिक कलेक्टर दर करते हुए नियमितीकरण किया जाएगा।
आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को 5 साल पूर्ण होने को है लेकिन मांगें पूरी नहीं की गईं, इस कारण उनमें आक्रोश व्याप्त है। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री के शहर में नहीं रहने के कारण अब वे अगली रणनीति के तहत मुलाकात करने पहुंचेंगे।
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