नक्सल प्रभावित क्षेत्र पहुंचने के पश्चात वहां तैनात जवानों से आईजी ने कहा कि आपकी लगन-मेहनत व आम जनता की सेवा भावना बहुत ही प्रेरणादायक है। पुलिस के जवानों पर आमजन का विश्वास कम नहीं होना चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ हमें साथ मिलकर कार्य करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य कर रहे हैं। निश्चित ही इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां सहित अन्य कारकों से आप सभी परिचित हैं।
‘पहले चुनाव के दौरान हर पल अनहोनी की रहती थी आशंका’
आईजी ने कहा कि इस पहुंचविहीन नक्सली क्षेत्र चुनचुना, पुंदाग बूढ़ापहाड़ में पहले जहां कभी किसी सरकारी अमले का पहुंचना तो दूर स्थानीय लोगों का भी जीवन बसर दुर्लभ था। यहां मतदान तो होता था लेकिन भय के साए मेें। मतदान सामग्री के साथ मतदान दल भी यहां हेलीकॉपटर से भेजे जाते थे। इसकें बाद भी यह आशंका बनी ही रहती थी कि क्या पता सब कुछ ठीक-ठाक हो भी पाएगा या नहीं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। प्रशासन की सक्रियता और विकासोन्मुख कार्यों ने अब इस बीहड़ और नक्सली क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदल कर रख दी है। जिले के इस आखिरी गांव तक सडक़ो के साथ यहां पुलिस, सीआरपीएफ कैंप की स्थापना भी की गई है। इस कारण यहां से नक्सलियों के पैर उखड़ चुके हैं।
नक्सलियों के सुरक्षित पनाहगार था बूढ़ापहाड़
बूढ़ापहाड़ नामक स्थान पुंदाग गांव से लगभग छह किलोमीटर अंदर घोर जंगल मेें स्थित है। इस कारण यह नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगार हुआ करता था। यहां पर झारखण्ड पुलिस ने भी एक सीआरपीएफ कैम्प बना रखा है। अपने भ्रमण के दौरान आईजी, कलेक्टर व एसपी ने झारखण्ड के बूढ़ा पहाड़ पहुंचकर सीआरपीएफ कैम्प में जाकर तैनात जवानों से चर्चा कर सुरच्छा संबंधी निर्देश दिए। अधिकारियों द्वारा मतदान दलों की सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श किया गया। बूढ़ा पहाड़ कभी नक्सली क्षेत्र होने के साथ ही पहुंच विहीन क्षेत्रे के अभिशाप से भी ग्रसित था, किंतु इस जिले के अस्तित्व में आने के बाद यहां तेजी से विकास कार्य हुए हैं।