अंबिकापुर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मानिक प्रकाशपुर निवासी 11 वर्षीय छाया कुजूर पिता जगन राम कन्या शिक्षा परिसर अंबिकापुर के हॉस्टल में रहकर 6वीं कक्षा में पढ़ाई करती थी। वह 3 सप्ताह पूर्व छात्रावास से घर आई थी। इसके बाद वह छात्रावास जाना नहीं चाह रही थी।
परिजन द्वारा काफी समझाने के बाद भी जब वह हॉस्टल जाने को तैयार नहीं हुई तो उसके पिता ११ सितंबर को टीसी लेने स्कूल गया। यहां प्राचार्य के नहीं रहने के कारण टीसी नहीं मिल सका।
इसके बाद पिता ने घर आकर बेटी को हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने की समझाइश दी। इसपर छात्रा पिता की बात मान गई और हॉस्टल जाने को राजी हो गई। मंगलवार को छात्रा का भाई आकाश उसे हॉस्टल छोडऩे गया था।
वह छात्रा को छोडक़र घर आया ही था कि हॉस्टल अधीक्षक ने फोन कर कहा कि जब वह यहां रहकर पढ़ाई नहीं करना चाहती है तो इसे क्यों लाए हो, उसे वापस ले जाओ। इसके बाद उसका भाई पुन: हॉस्टल गया और उसे घर ले आया। बहन को घर में छोडऩे के बाद वह काम करने चला गया।
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मां-पिता खेत से लौटे तो बंद था दरवाजाछात्रा को घर में छोडक़र भाई काम करने चला गया था। वहीं उसके माता-पिता पहले ही खेत में काम करने चले गए थे। शाम को जब परिजन घर लौटे तो दरवाजा भीतर से बंद था। आवाज देने के बाद भी जब बेटी ने दरवाजा नहीं खोला तो उन्होंने ऊपर चढक़र खपरा हटाया तो छात्रा फांसी के फंदे पर लटक रही थी।
फिर आनन-फानन में उसे फंदे से उतारकर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। यहां जांच पश्चात चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छात्रा की मौत से परिजनों में मातम पसर गया है।