शादी के बाद निकाह का दबाव पीड़िता के अनुसार, मालीपुर थाने के सैरपुर उमरन गांव की युवती की सम्मनपुर के हरदिलपुर में रिश्तेदारी है। यहां के ममेरे भाई सुनील के साथ पड़ोसी जिला आजमगढ़ के पवई थाने के मिल्कीपुर का शाबाम अपना धर्म छिपाकर श्यामू बनकर युवती के घर आने-जाने लगा। धीरे-धीरे उसने युवती से नजदीकियां बढ़ाईं। इसके बाद युवती और उसके पूरे परिवार को शादी के लिए राजी कर लिया। लेकिन लॉकडाउन की वजह शादी टल गई तो 10 जुलाई, 2020 को जलालपुर कस्बे के मठिया मंदिर में शादी करनी पड़ी। शादी के एक हफ्ते बाद ही उस पर निकाह का दबाव बनना शुरू हो गया।
शाबाम और उसके परिवार वालों ने मौलवी को बुलाकर जबरन निकाह पढ़वा दिया। फिर धर्मांतरण कराने के बाद उस पर नियमित नमाज और कलमा पढ़ने का दबाव बनाया जाने लगा। घरवालों के साथ ही आसपास की मुस्लिम महिलाएं उसे नमाज और कलमा पढ़ने का जबरन अभ्यास कराने लगीं। आपत्ति जताने पर उसके साथ मारपीट की गई। शाबाम ने उसे तीन तलाक दे दिया, लेकिन बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी। युवती का मोबाइल भी छीन लिया गया और उसे अपने परिजनों से बातचीत नहीं करने दिया जाता था। इस बीच शाबाम ने दोबारा निकाह करने की बात कहकर उसे अपने भाई मेंहदी हसन और शरीफ से हलाला करने पर मजबूर किया।