अजमेर जंक्शन से दिल्ली कैंट के बीच यात्रियों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन गुरुवार से शुरू कर दिया गया। सभी ट्रेनों में यात्रियों की इमरजेंसी सेवा के लिए चेन पुलिंग सिस्टम लगाया हुआ है। स्टेशन पीछे छूटने पर या कोई यात्री या बैग आदि छूटने पर चेन पुलिंग कर ट्रेन का रोका जा सकता है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सभी बोगियों में तीन से चार वॉइस कॉलिंग सिस्टम लगाए हुए हैं।
यात्री वॉइस कॉलिंग सिस्टम के बटन का दबाता है तो सीधी कॉल ट्रेन के इंजन में बैठे लोको पायलट के पास पहुंचेगी और यात्री का सम्पर्क लोको पायलट से हो जाएगा। इसके बाद यात्री अपनी परेशानी लोको पायलट का बता ट्रेन को रुकवा सकता है। इसके अलावा इमरजेंसी में ट्रेन को रुकवाने के लिए हर बोगी में अलार्म सिस्टम भी लगे हुए हैं। वहीं, आपातकाल स्थिति में गाड़ी के शीशे तोड़ने के लिए हथौड़ा भी हर बोगी में लगा हुआ है।
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पूरी ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे, लेकिन सूचना कहीं नहीं : वंदे भारत एक्सप्रेस फुली एसी ट्रेन हैं। सुरक्षा की दृष्टि से ट्रेन में हर बोगी और गेट आदि पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं, लेकिन ट्रेन के अंदर किसी भी जगह यह नहीं लिखा गया है कि आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं। यह लिखने से यात्री कोई भी गलती करने से ही सावधान रहेगा।
पहले दिन 47 यात्री अलवर से बैठे
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का विधिवत संचालन गुरुवार से शुरू हो गया। गुरुवार को ट्रेन जयपुर से निर्धारित समय पर चलकर अलवर जंक्शन पर सुबह 9.35 बजे अलवर पहुंची। दो मिनट के ठहराव के बाद यहां से दिल्ली कैंट के लिए रवाना हो गई। पहले दिन अलवर जंक्शन से दिल्ली रूट पर 47 यात्रियों ने सफर किया।
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मेट्रो ट्रेन जैसा ऑटोमैटिक सिस्टम
वंदे भारत एक्सप्रेस का पूरा सिस्टम मेट्रो ट्रेन की तरह से ऑटोमैटिक है। हर स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे ऑटोमैटिक खुलते और बंद होते हैं। ट्रेन की हर बोगी में स्क्रीन लगी हुई है, जिसमें तारीख, समय, ट्रेन का रूट, मार्ग में आने वाले स्टेशन, ट्रेन की स्पीड प्रति घंटा और अगले स्टेशन की जानकारी दिखाई देती है। इसके अलावा हर स्टेशन के आने से पहले उसका अनाउंसमेंट भी किया जाता है।