2006 में किया था बलात्कार, मौत
बिट्टी के पिता बिद्या भूषण मोहंती ओडिशा के पूर्व डीजीपी रहे हैं। मोहंती ने 2006 में राजस्थान के अलवर के एक होटल में जर्मन महिला के साथ बलात्कार किया था। इसके बाद अलवर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बिट्टी को सात साल की सजा सुनाई थी। वह आठ महीने की सजा काटने के बाद बीमार दादी से मिलने के बहाने पेरौल पर बाहर आया और फरार हो गया।
नाम बदलकर बैंक में करने लगा था काम
फरार होने के बाद मोहंती ने अपना नाम राघव रंजन रख लिया। आईबीपीएस की परीक्षा पास कर 2012 में प्रोबेशनरी अधिकारी (पीओ) बन गया। वह स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर की मडायी शाखा में था। पुलिस को बिट्टी के बारे में जानकारी बैंक अधिकारी के गुमनाम पत्र से मिली। कन्नूर पुलिस ने जयपुर पुलिस को सूचना दी और सभी सबूतों से बिट्टी मोहंती की पहचान हो गई। फिर उसे 9 मार्च 2013 को जयपुर जेल भेज दिया। रिहाई की याचिका हो गई थी खारिज
इस दौरान मोहंती को कैंसर हो गया था। इस आधार पर उसने
सुप्रीम कोर्ट में रिहाई की अर्जी लगाई थी। कोर्ट ने समय से पहले रिहाई की याचिका खारिज कर दी, लेकिन ओडिशा जेल में ट्रांसफर की अनुमति दे दी गई। इलाज के लिए मोहंती को 31 मार्च, 2017 को कंडीशनल जमानत दी गई थी और 5 जून, 2024 तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था।
एक रात जेल में बिताई, अस्पताल में तोड़ा दम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मोहंती ने 4 जून को सरेंडर कर दिया था। उसी दिन मोहंती को खून की उलटी हुई। वह एक दिन जेल में रहा और इसके बाद से पहले उसे जेल के पास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे एम्स में भर्ती किया गया, जहां 11 अगस्त को उसकी मौत हो गई।