अब जाकर उक्त मामले में शामिल हैड कांस्टेबल अवनेश, कांस्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, रोहताश को बहाल कर दिया गया है, इन्हें 17 सीसीए का नोटिस दिया गया है। वहीं श्रवण जोशी अभी निलंबित है उसे 16 सीसीए का नोटिस दिया गया है। मामले में कांस्टेबल भीम को पहले ही बहाल किया जा चुका है। बहाल किए गए पुलिसकर्मियों पर लोकेशन ट्रेस मामले को दबाकर रखने का आरोप है।
मामले को दबाकर रखने की कोशिश
पुलिस अधीक्षक की लोकेशन डेढ़ दर्जन बार निकालना बहुत बड़ा अपराध है। किसी की निजता के उल्लंघन का मामला है। जासूसी के मामले में सत सजा का प्रावधान है। अब इस मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है। मामले की असल वजह उजागर नहीं हो रही है। किसके इशारे पर लोकेशन ट्रेस हुई, लोकेशन ट्रेस कराने का उद्देश्य क्या था, उक्त मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है। राजनीति से जोड़ा
लोकेशन ट्रेस के मामले को दबाने और मामले को भ्रमित करने के लिए लोकेशन ट्रेस को प्रदेश के बड़े राजनीतिक घराने से भी जोड़ने का प्रयास किया। इस तरह की अफवाह फैलाई गई कि किसी बड़े नेता ने अपने बेटे का रिश्ता तय करने के लिए पुलिस अधीक्षक पर नजर रखवाई। इसका उद्देश्य या तो मामला दब जाए या बड़े स्तर से पुलिस अधीक्षक के ऊपर ही कार्रवाई कराना था। इस बीच पुलिस अधीक्षक के तबादले का भी इंतजार किया लेकिन जासूसी कराने वालों का कोई दांव सही नहीं बैठा।
दो बड़ी घटना और लोकेशन ट्रेस शुरू
पुलिस अधीक्षक की लोकेशन ट्रेस करने के लिए बड़े मौके की तलाश की गई। जैसे ही क्षेत्र में 22 अगस्त को आतंकी पकड़े गए और 23 अगस्त को आभूषण कारोबारी की हत्या हुई, लोकेशन ट्रेस कराई जाने लगी। दोनों ही मामले प्रदेश में चर्चित हो गए। मामले की छानबीन में लगी पुलिस टीम की लोकेशन निकालना शुरू हुआ। इस तरह लोकेशन निकालने के लिए बड़े मौके का इंतजार किया गया।