पानी की कमी बनी रोड़ा
उक्त उद्योगों के नहीं लग पाने का एक कारण यह भी बताया जाता है कि क्षेत्र में पानी की कमी है। बिजली पर्याप्त नहीं मिलना भी एक ब?ा कारण रहा है। साथ ही अन्य सुविधाएं, संसाधन भी विकसित नहीं होने से ब?े उद्योगपतियों को थानागाजी में ब?ी इकाइयां लगाने के लिए कोई प्रयास भी नहीं किए गए। हर बार चुनावों में थानागाजी में रोजगार उपलब्ध करवाने की बात तो होती है, लेकिन रीको क्षेत्र को विकसित नहीं करवा पाए। चुनाव जीतने के बाद सब वादे भूल जाते हैं। रोजगार को लेकर अवसरों की कमी को लेकर विधानसभा क्षेत्र के नागरिक लंबे समय से पीड़ा भोग रहे है। कोई प्रोजेक्ट या प्रसंस्करण इकाई की शुरुआत नहीं हुई। नेताओं की घोषणाएं केवल कागजों तक सीमित रही है।
रोजगार के लिए पलायन
लोगों का कहना है कि क्षेत्र से पलायन ब?ा मुद्दा है। रोजगार पाने के लिए लोग पलायन करते है। क्षेत्र में पलायन को रोकने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। लोगों का आरोप है कि रोजगार गारंटी जैसी योजना भी पलायन पर रोक नहीं लगा सकी। 100 दिन की मजदूरी से ग्रामीणों का घर नहीं चलता है, इसके लिए क्षेत्र के मजदूरों को पूरे वर्ष काम मिले, ऐसे उद्योगों और प्रोजेक्ट की स्थापना करना होगी। बेरोजगारी के चलते क्षेत्र में अपराध भी ब?े है।
पार्षद नगर पालिका थानागाजी के कपिल कुमार मीना का कहना है कि रीको औधोगिक क्षेत्र को विकसित होना चाहिए था, जो नहीं हुआ। विकास होता तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता। एडवोकेट मनीष कुमार जैन का कहना है कि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की ओर से स्थानीय लोगों को उद्योगों के प्रति प्रोत्साहित कर प्रशिक्षित करने व वित्तीय सहायता दी जाती तो निश्चित ही उधोग लगते। स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलता।