राजस्थान पुलिस के डीजीपी ने पिछले दिनों प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किए थे कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू की जाए। डीजीपी के आदेशों के मुताबिक प्रदेश के सभी जिलों में पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था को शुरू कर दिया गया, लेकिन अलवर जिले में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
संवेदनशील जिला, काम का बोझ भी अधिक: अलवर अपराध की दृष्टि से काफी संवेदनशील जिला है। राज्य सरकार ने अपराधों के ग्राफ को देखते हुए जिले को अलवर और भिवाड़ी दो पुलिस जिलों में बांटा हुआ है। दोनों जिलों में सालाना करीब 25 हजार आपराधिक मामले पुलिस रेकॉर्ड में दर्ज होते हैं। इसके अलावा बीच-बीच में धरना-प्रदर्शन, रैली, जाम सहित लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी चलती रहती है। वहीं, नफरी की कमी के कारण थानों में पुलिसकर्मियों पर काम का बोझ अधिक रहता है। जिसके कारण अलवर और भिवाड़ी पुलिस जिलों में पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से साप्ताहिक अवकाश मिलना तो दूर सालभर में मिलने वाली छुट्टियां भी पूरी नहीं
पुलिस को तनावमुक्त करने का है उद्देश्यपुलिस थानों और चौकियों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को अपना कर्तव्य निर्वहन कठिन एवं विपरीत परिस्थितियों में करना पड़ता है। जिसके कारण पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी तथा पारिवारिक व सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण उन पर तनाव भी अधिक रहता है। पुलिसकर्मियों को तनावमुक्त करने तथा उनके पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन सौहार्द्र विकसित करने के उद्देश्य से साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था शुरू की गई है।
डीजीपी के आदेशों के बाद सभी पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के लिए चार्ज तैयार किया गया। जिसमें रोजाना थानों के 13 से 14 फीसदी पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए गए। अलवर जिले में साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था शुरुआती कुछ दिन तो सही चली। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश भी मिले, लेकिन अब फिलहाल साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है।
जिले में पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था चालू है। कानून व्यवस्था ड्यूटी के कारण पुलिसकर्मियों को कई बार नियमित रूप से अवकाश नहीं दिए जाते हैं, जो कि आदेशों में भी स्पष्ट है। पिछले दिनों कई कानून व्यवस्था ड्यूटी रही, जिसके कारण पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पाए।
– सरिता सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय), अलवर।