जिले में अनेक स्थानों पर रूंद, पहाड़ी, नदी व तालाब के पास खाली जमीन दिखाई देती है, इनमें ज्यादातर सरकारी या वन विभाग की है।
लंबे से पड़ी, सर्वे ही नहीं हुआ
अलवर जिले में वन विभाग की अनेक स्थानों पर पड़ी जमीन का सर्वे नहीं हुआ, इस कारण विभाग को अपनी जमीन का पता ही नहीं चल सका। गत वर्ष अलवर वन मंडल ने जिले में वन विभाग की जमीन का सर्वे शुरू किया। इसमें 20 हजार हैक्टेयर भूमि वन विभाग को नई मिली है। इसमें ज्यादातर भूमि रूंद का सर्वे कराने पर मिली है। अलवर जिले में अनेक स्थानों पर पुरानी रूंध है। बंजड पड़ी रूंध की ऐसी जमीन पर किसी का ध्यान ही नहीं गया, जबकि इसमें ज्यादातर जमीन वन विभाग की है।
मानसून में पौधरोपण के आ सकती है काम रूंध के सर्वे में पाई 20 हजार हैक्टेयर भूमि में वन विभाग की ओर से मानसून के दौरान पौधरोपण कर बंजड क्षेत्र को हरा भरा किया जा सकता है। इसके दोहरे लाभ होंगे, एक वन क्षेत्र बढ़ेगा और दूसरा वन भूमि को अतिक्रमण से बचाया जा सकेगा।
अलवर जिले में 21.29 फीसदी वन क्षेत्र अलवर जिले के कुल भूभाग के 21.29 फीसदी जमीन पर वन क्षेत्र है। जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 8,380 वर्ग किलोमीटर है, इसमें 1784.14 किलोमीटर वन क्षेत्र है।
रूंद के सर्वे में मिली जमीन जिले में रूंद क्षेत्र का सर्वे कराया गया, जिसमें 20 हजार हैक्टेयर भूमि पाई गई है। इस भूमि को रेकार्ड में वन भमि के नाम दर्ज कराया गया है।
अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव
डीएफओ, अलवर वन मंडल