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राम नवातोला शंकरगढ़ के रहने वाले कल्लू की पत्नी सोना देवी बीमार थी पांच दिन पहले उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।गुरुवार को उसकी मौत हो गई सोना देवी के परिजन में शंकरगढ़ तक सोने जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग की लेकिन कल्लू ने बताया कि काफी मिन्नत के बावजूद उसे वाहन सुविधा अस्पताल से नहीं दी गई।जिससे मजबूर होकर कल्लू ने बच्चों को बस से गांव भेज दिया और खुद अपनी ट्राली पर रखकर गांव चल दिया शव के साथ अन्य सामान रख कल्लू करीब 60 किलोमीटर का रास्ता तय किया इस संबंध में अस्पताल प्रशासन के पीआरओ सौरभ दुबे ने मीडिया से बताया है कि अस्पताल में शव वाहन तो है लेकिन ड्राइवर नहीं है एंबुलेंस के ड्राइवर से ही मैनेज कर इसे चलाया जा रहा है हो सकता है इसी वजह से दिक्कत आई हो हो।लेकिन कल्लू का कहना है अस्पताल वालों ने देने से ही मना कर दिया ।हालाकि यह पहली बार नही है जब इस तरह की तस्वीर सामने आई है लेकिन बड़ी बात यह है की सिस्टम कब जागेगा और इस तरह के असवेद्नशील लोगों पर इसकी जिम्मेदारी कब तय होगी ।