दरअसल 2018 की बोर्ड परीक्षा में योगी सरकार के निर्देश के बाद सख्ती देखने को मिली । खुद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा परीक्षा केन्द्रों तक निरीक्षण करने पहुंचे । 2018 बोर्ड की परीक्षा नकल से ज्यादा सख्त परीक्षा प्रणाली को लेकर चर्चा में रही । परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी के चलते सरकार ने नकल विहीन परीक्षा कराने का बड़ा दावा किया। जिसके जरिये बोर्ड बड़े पैमाने में नकल रोकने सफल भी रहा। वहीं सुचिता को देखते हुए बोर्ड ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड के अधिकारियों ने नकलविहीन परीक्षा कराने को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें बोर्ड के अधिकारी माध्यमिक शिक्षा परिषद के मुख्यालय से ही बैठकर परीक्षा केंद्रों की निगरानी कर सकेंगे। इसके लिए परीक्षा कार्यालय और बोर्ड कार्यालय को हर जिले की एनआईसी के माध्यम से आपस में जोड़ा जाएगा। बता दें कि जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में सरकारी स्कूलों की संख्या 2478 है,साथ ही 4500 वित्त पोषित स्कूलों की संख्या है। वहीं वित्त विहीन स्कूलों की संख्या लगभग बीस हजार है ।
यूपी बोर्ड ने जिले में अपने परीक्षा केंद्रों से जुड़ने के लिए जिलों की एनआईसी के साथ जुड़ने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बोर्ड अधिकारियों की मानें तो बोर्ड में इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जिसके अनुसार जिलों में बनाये गये परीक्षा केन्द्रों एनआईसी से जोड़ा जाएगा। जिससे बोर्ड मुख्यालय में बैठकर किसी भी जिले की परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया जा सकता है। साथ ही बोर्ड अधिकारियों ने सेंटरों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरा में वॉइस रिकॉर्डिंग की भी व्यवस्था करने को निर्देशित किया जा रहा है। जिससे बोर्ड परीक्षाओं में बोल कर नकल कराने की व्यवस्था को खत्म किया जा सके ।
बता दें कि 2017 की बोर्ड परीक्षा में सीसीटीवी कैमरा लगने के बावजूद भी कई केंद्रों से बोलकर परीक्षा में नकल कराने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद तत्काल सरकार निर्देशित करते हुए वॉइस रिकॉर्डिंग करने वाली चिप लगवाई थी। अब जिसे सभी केन्द्रों लगाने के लिए निर्देशित किया गया है।