हालांकि, उमेशपाल हत्याकांड से कुछ समय पहले ही इसे डिलीट कर दिया गया था। अब पुलिस इसके सभी नंबर निकाल कर उनसे पूछताछ करने की तैयारी में है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जानकारी मिली है कि शूटर अरुण मौर्या एक समय पर शेर-ए-अतीक व्हाट्सएप ग्रुपका मेंबर था। ये ग्रुप माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने खुद बनाया था। उमेश पाल हत्याकांड में सरेआम गोलियां चलाने वाले असद को यूपी एसटीएफ ने झांसी में एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया था। उसी असद के बनाए व्हाट्सएप ग्रुपके एक लड़के अरुण मौर्य ने उसके बाप और कुख्यात अपराधी अतीक को भी हॉस्पिटल के बाहर गोलियों से मार डाला।
रिपोर्ट के अनुसार, असद ने अतीक के कामों के लिए बनाए गए इस व्हाट्सएप ग्रुप में ऐसी वीडियोज और फोटोज शेयर किए जाते थे, जिसमें अतीक के वर्चस्व की कहानी और उसकी दहशत दिखाई जाती थीं। ऐसी ही कई वीडियो-फोटोज इस ग्रुप में जुड़कर अतीक के हत्यारे अरुण मौर्य ने भी देखी होंगी। हो सकता है कि माफिया अतीक जैसा बनने का आइडिया उसे इसी ग्रुप से मिला होगा। हालांकि बाद में अरुण मौर्य ने ये व्हाट्सएप ग्रुपछोड़ दिया और गैंग 90 नाम के दूसरे व्हाट्सएप ग्रुपसे जुड़ गया। ये सारी जानकारी SIT के हाथ लग गई हैं।
15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मौत की नींद सुलाने के बाद तीनों हत्यारों ने सरेंडर कर दिया था। अब ये तीनों पुलिस रिमांड में हैं, जहां इनसे पूछताछ की जा रही है। जानकारी मिली है कि इन लोगों का कहना है कि इन्होंने अतीक और अशरफ को किसी के कहने पर नहीं मारा। बल्कि ये भी अतीक सा खौफ पैदा करते हुए माफिया बनना चाहते थे। इसलिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
इस पूरे मामले में वह कौन आदमी है जिसने इन सभी को इतने मंहगे असलहा और होटल में रहने की व्यवस्था कराई यह सारे सवाल बाकी है। अब बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है कि क्यों आखिर इसे उमेशपाल हत्याकांड के पहले कुछ समय पहले ही बंद किया गया। क्या इसमें हत्या का प्लान बनाया जा रहा था। इन सब सवालों की भी जांच की जा रही है। बहुत सारे सवाल बाकी है। असली ‘खलनायक’ कौन है यह सवाल अब पुलिस को जांच के बाद ही पता चलेगा।