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याची के अधिवक्ता कमल कुमार केसरवानी का कहना था कि सेवा पंजिका में सेवानिवृत्ति का विकल्प भरना अनिवार्य नहीं है ।इस बिंदु पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रेनू व अन्य के मामले में निर्णय दे दिया है । कोर्ट ने अधिवक्ता की दलील स्वीकार करते हुए याची को ब्याज सहित ग्रेच्युटी के भुगतान का निर्देश दिया।