माघ मेला में गंगा नहाने की अनुमति उन्हीं को जिनको लग चुकी हैं कोविड की दोनों डोज
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि माघ मेला में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश मिलेगा जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो। यानी कि जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हो। मेला क्षेत्र में आने वालों को वैक्सीनेशन का प्रमाण दिखाने पर अनुमति मिलेगी।
Only Fully Vaccinated Devotees Will be Allowed at Magh Mela 2022
प्रयागराज. राज्य और देश भर में कोरोना वायरस के केस काफी कम हो गए हैं। पहले की तुलना में संक्रमण का खतरा भी कम हो गया है। लेकिन भीड़ वाली जगहों पर लोगों की आवाजाही को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज माघ मेले में आने वालों के लिए अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि माघ मेला में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश मिलेगा जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो। यानी कि जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हो। मेला क्षेत्र में आने वालों को वैक्सीनेशन का प्रमाण दिखाने पर अनुमति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ लखनऊ में बैठक की जिसमें उन्होंने यह निर्देश दिया। उन्होंने जिला प्रशासन अधिकारियों को पिछले वर्ष की तरह प्रोटोकॉल का पालन करने और मेला क्षेत्र की निगरानी करने को कहा है। उधर, माघ मेला के लिए जिला प्रशासन ने 67 करोड़ रुपये के फंड की जरूरत का प्रस्ताव तैयार किया था। हालांकि, राज्य सरकार ने अब तक करीब 59 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी एसडीएम प्रयागराज मेला प्राधिकरण, संत कुमार श्रीवास्तव ने कहा “सीएम के निर्देशों के अनुसार, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना आदि जैसे सभी मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाएगा। मेला प्राधिकारण से कहा गया है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। इसे देखते हुए हर संभव सावधानी बरती जाए और मेला क्षेत्र के विस्तार को सीमित करें। माघ मेला 2021 की तरह, हमें कोविड -19 संक्रमण के प्रसार की जांच के लिए सभी मानदंडों को बनाए रखने और लागू करने के लिए कहा गया है और यही कारण है कि केवल पूरी तरह से टीकाकरण वाले ही मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। अगर किसी श्रद्धालु ने टीके की पहली खुराक ली है, तो दूसरी खुराक मेला क्षेत्र में ही दी जाएगी।” इसके अलावा माघ मेले के सभी क्षेत्रों में रैंडम रिजर्व ट्रांसक्रिप्शन-पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) और एंटीजन परीक्षण किया जाएगा। किसी को भी बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
इस बार कम हो सकती है भक्तों की संख्या माघ मेला, 2021 के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक कल्पवासी और द्रष्टा के लिए एक आरटी-पीसीआर रिपोर्ट (मेला क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले 72 घंटे से अधिक नहीं ली गई) अनिवार्य कर दी थी, जो महामारी के प्रसार को रोकने में एक प्रभावी निवारक है। मगर 2022 में, कल्पवास 17 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को शुरू होगा और 16 फरवरी (माघी पूर्णिमा) को समाप्त होगा। इससे भक्तों द्वारा माघ मेला क्षेत्र में ठहरने के दिनों की संख्या कम हो जाएगी क्योंकि लगभग सभी लोग मकर संक्रांति पर ही आते हैं क्योंकि पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को पड़ती है। इस वर्ष पौष पूर्णिमा 28 जनवरी और माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को थी, इस प्रकार प्रवास एक महीने से अधिक का था।