अंग्रेजी के एसोसिएट प्रोफेसर ने मतांतरण के लिए जिलाधिकारी को दिए गए आवेदन पत्र में कारणों का उल्लेख करते हुए कहा है कि उन्होंने सनातन धर्म को बेहद करीब से जाना है, और वह साल 2020 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुड़े। संघ के कार्यक्रमों में जाने और लोगों से मिलने के बाद उन्हें इस धर्म के बारे में बखूबी पता चला। इससे उन्हें सनातन धर्म को और भी बेहतर समझने का मौका मिला। हिंदू धर्म को बखूबी जानने और समझने के बाद उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन किया।
कानूनी तौर पर मतांतरण करने के बाद एहसान से अनिल पंडित हुए प्रोफेसर ने हिंदू युवती से विवाह किया। उनकी पत्नी बलिया के एक इंटर कालेज में प्रवक्ता हैं। अनिल पंडित मंतातरण से संबंधित प्रमाण पत्रों के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। जहां पर एडीएम प्रशासन पूजा मिश्रा ने आश्वासन दिया कि जल्द ही प्रमाणपत्र निर्गत किया जाएगा। प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही उनका नाम सभी जरूरी दस्तावेजों में बदला जा सकेगा।