जस्टिस सुधीर अग्रवाल ऐसा करने वाले इकलौते हाईकोर्ट के जज है। 31 अक्टूबर 2019 तक के उनके इन फैसलों में कई ऐसे चर्चित मामले और निर्णय भी शामिल है। जो अपने आप में एक नजीर ।है मूल रूप से शिकोहाबाद के जस्टिस सुधीर अग्रवाल 5 अक्टूबर 2005 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश और 10 अगस्त 2007 को स्थाई न्यायाधीश बने उन्होंने अधिकतर फैसले आम आदमी को राहत प्रदान करने वाले दिए। एक तरफ जहां देश भर में मुकदमों के निस्तारण में देरी को लेकर देश भर में बहस काहल रही है वही जस्टिस अग्रवाल के इन फैसलों को कीर्तिमान माना जा रहा है।
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जिला न्यायलय से सुप्रीमकोर्ट तक लाखों मुकदमें अभी पेंडिंग है इसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बने इस रिकॉर्ड को देश भर की न्यायपालिका के लिए नजीर बताया जा रहा है।जस्टिस अग्रवाल के चर्चित फैसलें आम लोगों के जीवन से जुड़े रहे है।सरकारी स्कूलों में अफसरों के बच्चो को पढ़ने का फैसला देश भर में जाना गया।
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