कुम्भ के दौरान शहर की लगभग सभी सड़कों का चौड़ीकरण किया गया था। लेकिन ड्रेनेज की उचित व्यवस्था न होने के चलते सड़कों पर बारिश में जल भराव की समस्या खड़ी हो रही है। जिससे लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। मोहल्लों की गलियों के साथ ही शहर के प्रमुख सड़कों पर भी ड्रेनेज का उचित प्रबन्ध न होने से सड़कें बारिश में लबालब भर गईं हैं।
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जिस सड़कों पर गुजरने वाले चारपहिया वाहनों से पैदल निकल रहे लोगों को खासी दिक्कतें हो रही हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के साथ ही नालों की सफाई न कराये जाने से ये परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है। हम आपको बता दें कि मानसून के पहले ही नगर निगम ने शहर के लगभग साढ़े तीन सौ नालों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे। लेकिन उसके बाद भी स्मार्ट सिटी में शामिल प्रयागराज की सड़कें दो दिनों की बारिश में तालाब नजर आ रही हैं।
शहरों में जहां जलभराव की स्थिति में लोगों के जीवन को त्रस्त किया है। वहीं ग्रामीण इलाकों में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ग्रामीण इलाकों में कई जगह कच्चे मकानों के गिरने की खबर आई हालांकि इन हादसों में किसी भी तरह की जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली जो प्रशासन और लोगों के लिए राहत भरी रहे वहीं शहरी इलाकों में कई जगह पेड़ गिरे इसकी चपेट में लोगों की गाड़ियां और रिक्शे भी इन सब के बावजूद किसी के हताहत होने की खबर ने लोगों को थोड़ी सी राहत दी है।