दरअसल, 24 नवंबर को सचिन लौर का पार्थिव शरीर उनके गांव नगरिया गौरौला पहुंचा। अंतिम दर्शन के बाद जब पार्थिव शरीर को शमशान घाट पर ले जाया जा रहा था, तब अलीगढ़ जिले के प्रभारी एवं गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के पहुंचने की सूचना आई। उनके वहां पहुंचने तक करीब डेढ़ घंटे तक शहीद सचिन लौर का अंतिम संस्कार रुकी रही।
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अंतिम सलामी पर आंखें हुई नमइससे पहले यमुना एक्सप्रेसवे पर जब सेना की गाड़ी शव लेकर पहुंची, तो वहां बड़ी संख्या में लोग शहीद सचिन के पार्थिव शरीर के साथ तिरंगा लेकर बढ़े। तिरंगे के साथ-साथ रास्ते में भारत माता की जय, बलिदानी सचिन अमर रहे के नारे लगते रहे। जब शवयात्रा शमशान पहुंची तो सैनिकों की टुकड़ी ने सचिन लौर को अंतिम सलामी दी। इस दौरान सांसद सतीश गौतम, राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान, जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह लाला प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह, ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष श्यौराज सिंह, एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी देहात पलाश बंसल, सीडीओ आकांक्षा राणा और पूर्व सैनिक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।