सब्जी व्यापारी का नाले में मिला शव, लूट के बाद हत्या की आशंका
यह भी पढ़ें– नहीं थम रहा जिला अस्पताल में लापरवाही का सिलसिला, एक और वीडियो वायरल 2000 वर्ष पूर्वलिखी पुस्तक से कंटेंट लियामानविकी संकाय के डीन प्रो. जयंतीलाल जैन ने बताया कि उनकी यह किताब समाधि के संबंध में है। उन्होंने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा 2015 में समाधि को बंद कर दिया गया था तथा बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर स्टे लगा दिया था। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में उन्होंने करीब 2000 वर्ष पूर्व शिवार्य द्वारा लिखी गई किताब भगवती आराधना से कंटेंट लिया है, जोकि मूलत: प्राकृत व संस्कृत में है। प्रो. जैन ने इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इसको यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास ने प्रकाशित किया है। इसके ऑथर प्रिया दर्शना जैन है। पुस्तक में वर्णन किया गया है की समाधि हमारे देश में पौराणिक काल से चली आ रही है। हम इसे आत्महत्या नहीं कह सकते। उन्होंने बताया कि वह अभी यूएसए (अमेरिका) में हुए जैनों के कुंभ 2019 में भाग लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि वह उसमें वक्ता के तौर पर गए थे, उन्होंने सम्मेलन में आत्मा की रचना के ऊपर अपने विचार व्यक्त किए तथा इस कार्यक्रम में दुनिया भर से आए लोगों ने उनकी प्रशंसा की।
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ये रहे उपस्थित
कुलपति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. शिवाजी सरकार, ज्वाइंट रजिस्ट्रार एससी शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. दिनेश शर्मा, आईईटी के डीन प्रो. आरिफ सुहैल, सीएसी के डायरेक्टर प्रोफेसर अली आर फतेहि, शोध संकाय के डायरेक्टर डॉ दिनेश पांडे, एचआर डॉ. अंकुर अग्रवाल, प्रो. आर.के.शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. वाईपी सिंह, डॉ. अनुराग शाक्य, डॉक्टर पूनम रानी, डॉ. रंजना तिवारी मोहन माहेश्वरी, लीना द्रुवा, मनीषा उपाध्याय, प्रवीण भारद्वाज, वसीम अहमद आदि मौजूद थे।