अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू यूनिवर्सिटी) से पीएचडी कर रहे छात्र मन्नान बशीर वानी के कथित रुप से हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन ज्वाइंन करने की जानकारी 2018 में तब आई जब सोशल मीडिया पर उसकी एके-47 के साथ फोटो वायरल हुआ। फोटो वायरल होने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां उसके बारे में ब्योरा जुटाने में लग गईं। तत्कालीन एसएसपी राजेश पाण्डेय ने मन्नान वानी जिस हॉस्टल में रहता था, उसकी भी सघन तलाशी खुद जाकर ली थी।
पुलिस और एएमयू यूनिवर्सिटी प्रशासन की जांच में सामने आया था कि मन्नान वानी दो जनवरी के बाद से गायब हुआ था। पांच जनवरी को एके-47 के साथ उसकी फोटो वायरल हुई थी। मन्नान वानी की फोटो वायरल होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां उसके बारे में पता लगाने में लग गईं। एएमयू में कई बार तलाशी ली गई। एएमयू की साख पर भी उठाए गए। एएमयू के छात्रों को शक की नजरों से देखा गया लेकिन एएमयू ने मन्ना वानी का कभी साथ नहीं दिया। उसे बुरे सपने की तरह हमेशा के लिए भुला दिया।
मन्नान वानी एएमयू यूनिवर्सिटी पीएचडी कर रहा था। मन्नान वानी मूल रूप से जम्मू -कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला था। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुल पांच साल रहा। यहीं से उसने अपनी एमफिल पूरी की थी। इसके बाद एप्लाइड जियोलॉजी में पीएचडी पूरी कर रहा था इसी बीच वह आतंकवादियों के संपर्क मे आ गया और पीएचडी छोड़ कर बीच में ही चला गया और हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन ज्वाइन कर लिया।
मन्नान बशीर वानी पढ़ाई में शुरु से काफी अच्छा रहा। जानकारी के मुताबिक वह एक सम्पन्न परिवार से ताल्लुक रखता था। उसके पिता शिक्षक हैं, उसका भाई जूनियर इंजीनियर बाताया जाता है।